• तगड़े सुरक्षा इंतजामों के चलते किसान आईएमटी रोजकामेव में काम बंद नहीं करा सके।
• आईएमटी रोजकामेव में काम बंद कराने सैकड़ों किसानों ने किया था कूंच
• 23 अगस्त को सीएम के प्रधान सचिव संग होगी बैठक
यूनुस अलवी/दीपक कुमार,
मेवात/नूंह,
नूंह जिले के आईएमटी रोजकामेव स्थित धीरदोका गांव में मुआवजे को लेकर पिछले 5 महीने से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे 9 गांवों के किसानों ने मंगलवार को एक बार महापंचायत बुलाई। जिसमें कई किसान संगठन भी पहुंचे। वहीं प्रशासन द्वारा 35 दिन का समय पूरा होने के बाद मामले पर कोई संज्ञान नहीं लेने पर किसानों ने भारी नाराजगी जताई। इसके बाद भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रवि आजाद की अगुवाई में किसान आईएमटी रोजकामेव में चल रहे विकास कार्य को बंद करने पहुंचे। साथ ही एचएसआईआईडीसी के कार्यालय पर धरना देने के लिए किसानों ने कूच किया। वहीं स्थिति को देखते हुए एचएसआईआईडीसी के कार्यालय के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया।
इसके बाद हजारों की संख्या में किसान महिलाओं के बच्चों के साथ पहुंचे। और प्रदर्शन कर रोष जताया। करीब 3 घंटे तक किसानों द्वारा प्रदर्शन के बाद नूंह एसडीएम विशाल और एचएसआईआईडीसी के अधिकारियों के साथ किसानों की बैठक हुई। करीब एक घंटे की मीटिंग के बाद प्रशासन द्वारा 23 अगस्त को चंडीगढ़ या दिल्ली में सीएम के प्रधान सचिव के साथ मीटिंग रखने की बात कही। वहीं इसके बाद शाम को किसान वापस लौट गए। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रवि आजाद ने कहा कि 9 गांवों के किसानों की 1600 एकड़ भूमि के मुआवजे की 750 करोड़ राशि को जब तक किसानों नहीं दी जाएगी यह धरना जारी रहेगा।
इस अवसर पर नूंह कमेटी के सदस्य हाफिज सिराजुद्दीन, जाहिद पूर्व सरपंच मेहरोला, पूर्व सरपंच मोहम्मद एसपी, मुबारिक, इरशाद, इरफान, उस्मान, आसब, हाजी शरीफ, दीन मोहम्मद नंबरदार रज्जाक, अब्बास खेड़ी सहित अन्य किसान मौजूद रहे।
बता दें कि आईएमटी रोजकामेव के लिए 9 गांव खेड़ली कंकर, मेहरोला, बडेलाकी, कंवरसीका, रोजकामेव, धीरदोका, रूपाहेड़ी, खोड (बहादरी) और रेवासन के किसानों की वर्ष 2010 में 1600 एकड़ अधिग्रहण की जमीन की गई थी। उस दौरान किसानों की जमीन को सरकार द्वारा 25 लाख रुपए का मुआवजा देकर प्रति एकड़ अधिग्रहण किया गया था, लेकिन इसके बाद सरकार ने फरीदाबाद के चंदावली, मच्छगर गांवों की जमीन को भी अधिग्रहण किया। वहां के किसानों ने कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी जमीन को सस्ते दामों में सरकार पर लेने का आरोप लगाकर मुआवजा बढ़ाने की मांग की थी, जिस पर कोर्ट ने किसानों को प्रति एकड़ 2 करोड़ की राशि देने के आदेश दिए थे। इस दौरान जब 9 गांवों के किसानों को पता चला कि उक्त गांवों के किसानों को 2 करोड़ प्रति एकड़ मिले हैं तो उन्होंने भी लंबी लड़ाई लड़कर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। जिस पर सरकार ने किसानों से बातचीत करते हुए उनकी जमीन को 46 लाख रुपए प्रति एकड़ देने की बात कही और उनसे एफिडेविट पर साइन करा लिए, ताकि किसान कोर्ट में ना जा सके और सभी किसानों को 21- 21 लाख रुपए देकर कहा कि आगे आपको 25-25 लाख रुपए ओर दे दिए जाएंगे, लेकिन आज तक भी किसानों को 25-25 लाख रुपए नहीं दिए गए हैं।
दुर्घटना में घायल हुए बच्ची:
वहीं किसानों के इस प्रदर्शन के दौरान एचएसआईआईडीसी के लिए कूच कर रहे किसान जब दिल्ली अलवर हाईवे से गुजर रहे थे तो धरने में शामिल 13 वर्षीय हमेशा पुत्री हसन गांव मेहरोला का एक्सीडेंट हो गया। रोड से गुजर रही एक कार ने टक्कर मार दी। जिसके चलते बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई। इसके बाद इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। जहां बच्ची के हाथ में फ्रेक्चर आया।
फोटो: महापंचायत करते किसान।
फोटो: धीरदोका गांव में धरने पर बैठे किसान।
फोटो: एचएसआईआईडीसी कार्यालय के बाहर धरना देते किसान।
फोटो: हादसे में घायल बच्ची का होता इलाज।
फोटो: मौके पर तैनात भारी पुलिस बल।
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