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भाई को जेल में नशा पहुँचाने वाली बहनों पर NDPS एक्ट में केस, पुलिस तलाश में जुटी

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भाई को जेल में नशा पहुँचाने वाली बहनों पर NDPS एक्ट में केस, पुलिस तलाश में जुटी
• जूतों में छुपाकर भाई को पहुंचाया था 97 ग्राम नशीला पदार्थ।
फोटो पुलिस की हिरासत में आरोपी साहिल (फोटो सौजन्य साइबर क्राइम पुलिस)
यूनुस अलवी,
मेवात।
  समाज में नशे की लत और इसकी बढ़ती प्रवृत्ति चिंता का विषय बनती जा रही है। हाल ही में ऐसा एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां दो बहनों ने अपने ही भाई को जेल में नशा पहुँचाने की कोशिश की। लेकिन जेल पुलिस की मुस्तैदी ने उनकी यह चालाकी पकड़ ली और अब दोनों बहनों पर NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
  आपको बता दें कि बिछोर थाना क्षेत्र के नई गांव निवासी साहिल पुत्र फजरुद्दीन को साइबर क्राइम के मामले में 12 फरवरी 2025 को नूंह पुलिस ने उसके साथी तसलीम पुत्र अरशद निवासी आल्दूका (थाना गोपालगढ़, राजस्थान) के साथ गिरफ्तार किया था। दोनों आरोपी इस समय नूंह की सालंब जेल में बंद हैं।
 19 फरवरी को साहिल से मिलने उसकी दो सगी बहनें फरजाना और शहरूनी जेल पहुंचीं। इस दौरान वे अपने भाई के लिए जूते लाई थीं। जेल नियमों के अनुसार जब इन जूतों की तलाशी ली गई, तो बाएँ पैर के जूते की तलहटी के नीचे काले रंग का सुल्फानुमा पदार्थ छिपाया मिला। जांच में पता चला कि यह नशे का पदार्थ था।
कैसे पकड़ी गई बहनों की करतूत?
जेल उप अधीक्षक मोहम्मद आजाद की शिकायत पर जेल पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और मामले को सदर नूंह पुलिस के हवाले कर दिया। आरोपियों के खिलाफ NDPS एक्ट की धारा 20, 61, 85 और प्रिजन एक्ट की धारा 42 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है।
फिलहाल, साहिल के पास से 97 ग्राम सुल्फा बरामद किया गया है। वहीं, फरार बहनों फरजाना और शहरूनी की तलाश में पुलिस दबिश दे रही है।
नशे के खिलाफ लगातार चल रही मुहिम बेअसर?
गौरतलब है कि हाल ही में नूंह पुलिस कप्तान विजय प्रताप सिंह ने नशे के खिलाफ नई गांव में ही 17 फरवरी को एक बड़ा जागरूकता सम्मेलन आयोजित किया था, लेकिन इस घटना से साफ जाहिर होता है कि कुछ लोगों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। नशे की प्रवृत्ति केवल युवाओं को ही नहीं, बल्कि उनके परिजनों को भी अपने जाल में फंसा रही है।
नशे के खिलाफ और सख्ती की जरूरत
यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि नशे की जड़ें कितनी गहरी हो चुकी हैं। अगर परिवार के लोग ही जेल में बंद अपनों तक नशा पहुँचाने लगें, तो हालात वाकई गंभीर हैं। ऐसे मामलों में पुलिस को और सख्ती से निपटना होगा, ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की हरकत करने की हिम्मत न जुटा सके।
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