नूंह जिला के शिक्षा विभाग में 6310 पद खाली, कैसे होवे पढ़ाई।
• विधानसभा में मामला उठने गरमाया अध्यापकों की कमी का मामला
• मेवात में शिक्षा व्यवस्था बदहाल, अध्यापकों और प्रशासनिक अधिकारियों की भारी कमी से छात्रों का भविष्य अंधकार में
—
यूनुस अलवी,
नूंह (मेवात),
—
मेवात क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था दिनों-दिन बदतर होती जा रही है। जिले में अध्यापकों की भारी कमी के चलते सरकारी स्कूलों में पढ़ाई चौपट हो रही है। हालात इतने गंभीर हैं कि एक ही शिक्षक को कई कक्षाओं की जिम्मेदारी संभालनी पड़ रही है। वहीं, प्रशासनिक स्तर पर भी शिक्षा विभाग में अधिकारी नहीं हैं, जिससे पूरे जिले में शिक्षा प्रणाली चरमराई हुई है।
हजारों पद खाली, छात्रों का भविष्य दांव पर।
हरियाणा सरकार के आंकड़ों के अनुसार, मेवात कैडर में प्राथमिक (PRT), प्रशिक्षित स्नातक (TGT) और स्नातकोत्तर (PGT) मिलाकर 3347 पद रिक्त हैं। जबकि सच्चाई इसके विपरीत है क्योंकि जिले में 6295 स्वीकृत पद अध्यापक और प्रिंसिपल के खाली है जबकि अधिकारी है ही नहीं।
मेवात के सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रिंसिपल 117 में से 21 खाली, हाई स्कूल में हेड मास्टर 7 में से 6 खाली। पीजीटीनियमित 1097 पद खाली है। वही ई एस एच एम के 198 मंजूर पदों में से 115 खाली हैं। टीजीटी के कुल 3403 पदों में से केवल 1357 स्वीकृत पद कार्यरत हैं। यानी 2046 पद खाली है। वैसे सरकार ने 145 गेस्ट और 465 एच के आर एन के माध्यम से अध्यापक लगा रखे हैं। हेड टीचर के 380 पदों पर केवल 162 कार्यरत हैं जबकि 218 पद खाली है। वही जेबीटी के 3898 पदों में से केवल नियमित 1106 अध्यापक कार्यरत हे। यानी 2792 पद खाली है। वैसे सरकार ने 823 गेस्ट टीचर नियमित अध्यापकों की जगह लगा रखे हैं। कुल मिलाकर नूंह जिला में प्रिंसिपल के 21, हेड मास्टर के 6, पीजीटी 1097, ई एस एच एम 115, टीजीटी 2046, हेड टीचर प्राइमरी के 218, जेबीटी के 2792 पदों सहित अध्यापक, प्रिंसिपल और हेड टीचर के कुल 6295 नियमित पद खाली हैं।
इतना ही नहीं हूं जिले में पांच बी आर सी के पांचो पद खाली है, बी ई ओ के पांच पदों में से चार पद खाली है। डिप्टी डीईओ के तीनों पद, डीपीसी, डीईईओ और डीईओ का पद काफी समय से खाली है।
प्रशासनिक अधिकारियों के भी पद खाली।
सिर्फ अध्यापक ही नहीं, बल्कि शिक्षा विभाग के प्रशासनिक पदों की स्थिति भी चिंताजनक है। नूंह जिले में BRC (ब्लॉक रिसोर्स कोऑर्डिनेटर), BEO (ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर), Dy DEO (डिप्टी डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर), DEO (डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर), DEEO (डिस्ट्रिक्ट एलिमेंट्री एजुकेशन ऑफिसर) और DPC (डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर) जैसे महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर कोई अधिकारी तैनात नहीं है। इससे पूरे जिले में शिक्षा संबंधी योजनाओं का क्रियान्वयन ठप पड़ा है। जिला में केवल एक बी ई ओ नियमित अधिकारी हैं।
नकल रहित परीक्षा पर सवाल।
इन हालातों में यह सवाल उठता है कि जब जिले में बच्चों को पढ़ाने को अध्यापक और नकल रोकने के लिए कोई सक्षम अधिकारी नहीं हैं तो परीक्षा प्रणाली कैसे सुचारू रूप से चलेगी? बोर्ड परीक्षाओं के दौरान नकल रोकने, परीक्षा केंद्रों की निगरानी और प्रशासनिक व्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार अधिकारी ही नहीं हैं। कई स्कूलों में तो प्रिंसिपल तक नहीं हैं, जिससे परीक्षाओं की तैयारी अधूरी रह जाती है।
विधानसभा में उठा मुद्दा।
मेवात क्षेत्र में शिक्षा की इस बदहाली को लेकर आज हरियाणा विधानसभा में मेवात के विधायकों ने जोरदार ढंग से आवाज उठाई। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि आखिर कब तक मेवात के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होता रहेगा? विधायकों ने मांग की कि अध्यापक और प्रशासनिक अधिकारियों के सभी रिक्त पदों को तत्काल भरा जाए, ताकि शिक्षा व्यवस्था पटरी पर आ सके।
सरकार की अनदेखी से गुस्सा
स्थानीय शिक्षकों और अभिभावकों का कहना है कि मेवात को हमेशा शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ा रखा गया है। यहां न तो पर्याप्त स्कूल हैं, न ही शिक्षक, और न ही कोई ठोस नीति जिससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। सरकार बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन हकीकत यह है कि बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं हैं और स्कूलों को चलाने के लिए अधिकारी नहीं हैं।
जल्द समाधान नहीं हुआ तो होगा बड़ा आंदोलन
शिक्षा से जुड़े सामाजिक संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही मेवात में शिक्षकों और अधिकारियों के पद नहीं भरे गए तो वे सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे। मेवात के छात्रों को उनका अधिकार दिलाने के लिए सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया जाएगा।
निष्कर्ष
मेवात की शिक्षा व्यवस्था बदहाल है और इसका सबसे बड़ा कारण शिक्षकों और प्रशासनिक अधिकारियों की भारी कमी है। सरकार को इस मुद्दे पर तुरंत ध्यान देना चाहिए, वरना यहां के हजारों छात्र उचित शिक्षा से वंचित रह जाएंगे और उनका भविष्य अंधकार में चला जाएगा। देश के सबसे पिछडे जिलों में शुमार होने के बावजूद भी मेवात के शिक्षा विभाग की ओर कोई खास ध्यान नहीं देना सरकार की मनसा को दर्शाता है।

No Comment.