मंत्री संदीप सिंह को मंत्री मंडल से हटाने और गिरफ्तारी की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन, पुलिस के साथ झड़प।
*राज्यपाल, हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष और पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को दिया ज्ञापन।
ख़बर हक़
गुरुग्राम
मंत्री संदीप सिंह को मंत्रीमंडल से हटाने और गिरफ्तारी की मांग को लेकर 15 से ज्यादा संगठन आज सुबह पंचकूला के यवनिका पार्क में एकत्रित हुए। इसके बाद नारे लगाते हुए जुलूस की शक्ल राजभवन की तरफ मार्च किया। हाउसिंग बोर्ड में बैरिकेडिंग करके पुलिस ने जुलूस को रोकने की कोशिश की जहां पुलिस की प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प हो गई। इसके बाद संगठनों के प्रतिनिधियों का 13 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल राजभवन ले गया जहां हरियाणा के राज्यपाल के सचिव को ज्ञापन दिया और मांगों बारे विस्तृत चर्चा की। विधानसभा अध्यक्ष और पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भी ज्ञापन की प्रति दी गई।
प्रदर्शनकारियों को जनवादी महिला समिति की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं भीम अवार्डी खिलाड़ी जगमति सांगवान, राज्य अध्यक्ष सविता, महासचिव उषा सरोहा, हिमाचल से नेता संतोष कपूर, सर्व कर्मचारी संघ के राज्य महासचिव नरेश, सीटू के राज्य कोषाध्यक्ष विनोद कुमार, किसान सभा व संयुक्त किसान मोर्चा के नेता इंद्रजीत सिंह, एक्स सर्विसमैन फेडरेशन से कैप्टन शमशेर सिंह मलिक, कामकाजी महिला समन्वय समिति से शरबती, रूपा राणा, बिजनेश राणा, ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन के अध्यक्ष गुरमेज सिंह, सचिव कुलदीप सिंह, विकलांग अधिकार मंच के राज्य सचिव ऋषिकेश राजली , खेत मजदूर यूनियन के राज्य महासचिव प्रेम, नागरिक मंच के लाभ सिंह हुड्डा, हरियाणा ज्ञान विज्ञान समिति के राज्य अध्यक्ष डॉ आर एस दहिया, महासचिव प्रमोद गौरी, रिटायर्ड कर्मचारी संघ के राज्य अध्यक्ष जरनैल सिंह सांगवान, एसएफआई के राज्य अध्यक्ष विनोद गिल, महासचिव मनजीत, सौम्या, डीवाईएफआई के राज्य महासचिव नरेश दनौदा, किसान प्रतिष्ठा मंच से सुशीला, एडवोकेट आर एस साथी, रमा देवी, प्रोफेसर मनजीत सिंह, प्रोफेसर सुचेता, डा शालिनी ने सम्बोधित किया ।
गौरतलब है कि नेशनल एथलीट व जूनियर महिला कोच ने तत्कालीन खेलमंत्री संदीप सिंह पर छेडछाड़ व दुष्कर्म के प्रयास के गंभीर आरोप लगाते हुए चंडीगढ़ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई है। परंतु इन गंभीर आरोपों के बावजूद भी संदीप सिंह से केवल खेल मंत्रालय लिया गया है। वे अभी भी मंत्रीमंडल में व हरियाणा ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष पद पर रहते हुए तमाम जांच को प्रभावित करने की स्थिति में बने हुए हैं। राज्य की भाजपा सरकार, राज्य महिला आयोग और विभागीय संस्थाएं भी आरोपी मंत्री की प्रवक्ता की तरह काम कर रही हैं। खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर बिना किसी जांच-पड़ताल के शिकायतकर्ता एथलीट के आरोपों को अनर्गल बता रहे हैं। शिकायतकर्ता खिलाड़ी को लांछित करने, पुलिस सुरक्षा देने के नाम पर मानसिक तौर पर उत्पीड़ित करने, मुंह बंद करने के लिए करोड़ों रुपए का ऑफर देने और धमकियां देने का दौर लगातार चला हुआ है।
इसी तरह से देश के चोटी के कुश्ती खिलाड़ियों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण पर यौन उत्पीड़न और तानाशाही कार्यप्रणाली के गंभीर आरोप लगाते हुए तीन दिन जंतर मंतर पर धरना दिया है। ये दोनों घटनाएं खेलों में महिलाओं की सुरक्षा की गंभीर स्थिति की ओर इशारा करती हैं।
मुख्य मांगें:
1.पीड़िता को सुरक्षा, संबल और करुणामय व्यवहार मिले।
2 . मंत्री संदीप सिंह को तुरंत मंत्रिमंडल व हरियाणा ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष पद से हटाते हुए गिरफ्तार किया जाए ताकि निष्पक्ष जांच सुनिश्चित हो पाए।
3. पीड़िता को दोषी ठहराने वाले अपने आपत्तिजनक बयानों को मुख्यमंत्री वापस लेते हुए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगे।
4 . पुरे मामले की जांच माननीय पंजाब- हरियाणा हाईकोर्ट की निगरानी में करवाई जाए।
5. विधानसभा की उचित समिति, मंत्री एवं मुख्यमंत्री के आचरण पर समुचित कार्रवाई करे।
6. पीड़िता की सुरक्षा का समुचित प्रबंध हो और रहने के लिए सरकारी क्वार्टर्स में व्यवस्था हो। धमकी देने वाले व लांछित करने वाली खेल विभाग की अधिकारी को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
7.खेलों से संबंधित संस्थाओं की लोकतांत्रिक एवं जवाबदेह कार्य प्रणाली सुनिश्चित की जाए और विभिन्न संघों के अध्यक्ष महासचिव पदों पर भूतपूर्व खिलाड़ियों की ही तैनाती हो।
8. खिलाड़ी लड़कियों के लिए खेल का स्वस्थ, सुरक्षित और प्रोत्साहन का वातावरण निर्मित हो।
9. खेल संघों व सभी कार्यस्थलों पर कानून अनुसार यौन हिंसा विरोधी कमेटियां गठित की जाएं।
No Comment.