बाल विवाह जैसी बुराई को खत्म करने में सभी निभाएं भूमिका- सीजेएम नेहा गुप्ता
-डालसा की ओर से गांव घासेड़ा में बाल विवाह जागरुकता कैंप आयोजित
यूनुस अलवी,
नूंह,
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अध्यक्षता में वीरवार को जिला नूंह के गांव घासेड़ा में बाल विवाह जागरुकता कैंप लगाया गया, जिसमें ग्रामीणों को बाल विवाह जैसी बुराई को रोकने, इसके दुष्प्रभावों व कानून संबंधी जानकारी दी गई।
डालसा की सचिव नेहा गुप्ता ने कैंप में आए लोगों का आह्वïान किया कि हम सबने मिलकर बाल विवाह मुक्त भारत बनाना है और बचपन में बच्चों की शादी की बजाय उनकी पढ़ाई पर अधिक ध्यान देना है ताकि बच्चे बड़े होकर अपना जीवनस्तर अच्छा बना सकें। उन्होंने कार्यक्रम में बाल विवाह न करने के लिए कैंप में आए सभी ग्रामीणों को एक शपथ भी दिलवाई। उन्होंने बताया कि डालसा व एमडीडी ऑफ इंडिया (शक्ति वाहिनी) द्वारा जिले के गांवों में बाल विवाह के प्रति जागरुकता लाने के लिए कैंप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) की ओर से टोल फ्री नंबर 15100 शुरू किया गया है, जिस पर कॉल करके पूरे भारत में मुफ्त कानूनी सहायता ली जा सकती है। अगर किसी के पास पैसे नहीं हैं, तो वह इस नंबर पर कॉल करके वकील की मदद ले सकते हैं। इस नंबर पर कॉल करके कागजों का खर्च भी नहीं देना होता।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी मधु जैन ने कैंप में आई महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में बारीकी से जानकारी दी और कहा कि अगर किसी महिलाओं को उनके आस पास बाल विवाह होने की जानकारी मिल रही है तो वे उन्हें इसकी जानकारी दे सकते हैं। जानकारी देने वाले व्यक्ति व महिला का नाम गुप्त रखा जाएगा। शक्ति वाहिनी के प्रोग्राम ऑफिसर सुरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि लगातार एम डीडी ऑफ इंडिया (शक्ति वाहिनी) की टीम नूंह जिले में सभी गांवों में बाल विवाह को लेकर लोगों को जानकारी दे रही है। बाल विवाह के नाम पर अगर महिलाओं के साथ कहीं पर भी अन्याय हो रहा है, तो जिला या पुलिस प्रशासन को इसकी जानकारी दी जाए। बाल विवाह जैसी बुराई को रोकने के लिए एक स्वर में आवाज उठाते एक सफल मुहिम चलानी होगी, तभी जाकर बाल विवाह मुक्त भारत होगा। इस मौके पर एम डीडी ऑफ इंडिया शक्ति वाहिनी से कपिल राजोरा, सुमन व काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
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