गुडगांव फीडर कैनाल में आ रहे केमिकल युक्त पानी से फसल को नुकसानदाय साबित हो रहा है
– गुडगांव कैनाल से मेवात, फरीदाबाद, पलवल और गुरूग्राम को प्रयाप्त नहरी पानी नहीं मिलता,
– चारों जिलों और राजस्थान के लिए 2200 क्यूसिक पानी की जगह मिल रहा है 800 से 1000 क्यूसिक पानी
– हरियाणा पहले ही नहरी पानी की कमी झेल रहा है और सरकार राजस्थान को अधिक पानी देने की बात कह रही है
– कांग्रेस विधायक आफताब अहमद ने राजस्थान को अधिक पानी देने पर उठाया ऐतराज
-एसवाईएल नहर के जल्द निर्माण का आफताब ने उठाया मुद्दा
फोटो-नूंह जिला से गुजर रही गुडगांव कैनाल में केमिकल युक्त पानी
फोटो आफताब अहमद कांग्रेस विधायक
यूनुस अलवी,
मेवात,
हरियाणा प्रदेश कृषि प्रधान राज्य है। हरियाणा के नूंह, रेवाडी, महेंद्रगढ सहित कई जिले ऐसे हैं जहां की फसलें पानी के अभाव में बर्बाद हो जाती हैं। हरियाणा के किसानों के खेतों की सिंचाई बिना एसवाईएल नजर के पूरी नहीं हो सकती है। हरियाणा के कई जिले ऐसे हैं जो पूरी तरह नहरी पानी या बरसात पर ही निर्भर रहते हैं क्योंकि उनमें जमीनी पानी खारा है या फिर उनकी वाटर लेवल इनता गहरा है कि छोटा किसान बोरिंग नहीं कर सकता हैं। मेवात, फरीदाबाद, पलवल और गुरूग्राम के सोहना सहित कई इलाकों के खेतों की सिंचाई गुडगांव कैनाल के द्वारा की जाती है। ओखला हेड से गुडगांव फीडर कैनाल केनाल में 2200 क्यूसिक पानी डालना चाहिए लेकिन कभी भी इस नहर में 1000 क्यूसिक से अधिक पानी नहीं छोड़ा गया, जिससे फरीदाबाद, पलवल और मेवात के किसानों को प्रयाप्त नहरी पानी न मिलने से अधिक्तर फसल सूख जाती है। इस नहर में बरसात के मौसम को छोड़कर अधिक्तर केमिकल युक्त पानी आता है। जो फसल और लोगों के लिए हानिकारक होता है।
जानकारी के अनुसार यमुना नदी पर कालिंदी कुज पर बने ओखला हेड से गुडगांव फीडर कैनाल केनाल को राजस्थान के लिए निकाला गया है। इस केनाल की छमता 2200 क्यूसिक पानी की है। इस 2200 क्यूसिक पानी में से 554 क्यूसिक पानी राजस्थान के लिए रिर्जव है। वहीं नूंह जिला के लिए 514 क्यूसिक पानी रिर्जव है। जबकि 1132 क्यूसिक पानी फरीदाबाद, पलवल और सोहना के इलाकों के डिस्ट्रीब्ूयटरियों के लिए सप्लाई किया जाता है। अगर गुडगांव फीडर कैनाल में पूरा 2200 क्यूसिक पानी छोड़ दिया जाए तो किसानों के फसल की सिंचाई के लिए प्रयाप्त पानी हो जाता है। लेकिन कभी भी इस केनाल में 800 से 1000 क्यूसिक से अधिक पानी नहीं छोड़ा गया है जिससेे किसानों की अधिक्तर फसल सूख जाती है। नियम के अनुसार इस नहर में 21 दिन में सात दिन पानी चलना चाहिए लेकिन देखा गया है कि जब भी किसानों को पानी की जरूरत होती है तो समय पर नहरी पानी आता ही नहीं है।
जानकारी के अनुसार गुडगांव फीडर कैनाल से निकालने वाली 6 डिस्ट्रीब्यूटररियों से नूंह जिला के खेतों की सिंचाई की जाती है। जिनमें डिस्ट्रीब्यूटरी में 130 क्यूसिक, फिरोजपुर डिस्ट्रीब्यूटरी में 54 क्यूसिक, उजीना ड्रेन में 120 क्यूसिक, उजीना डिस्ट्रीब्यूटरी में 35 क्यूसिक, कलिंजर डिस्ट्रीब्यूटरी में 15 क्यूसिक, नूंह डिस्ट्रीब्यूटरी में 160 क्यूसिक पानी सहित कुल 514 क्यूसिक पानी मेवात को मिलना चाहिए लेकिन 200 से 250 क्यूसिक से अधिक कभी पानी मेवात को मिलता ही नहीं है।
गुडगांव फीडर कैनाल में आता है केमीकल युक्त पानी
गुडगांव फीडर कैनाल ही मेवात के सिंचाई का एक मात्र साधन है। इस कैनाल से भी मेवात के 40 फीसदी ही खेतों की सिंचाई हो पाती है। जबकि फिराजपुर झिरका, नगीना, तावडू और पिनगवां खंड का 90 फीसदी हिस्सा पानी सिंचाई के ही रहता है। क्योंकि इस इलाके में नहर बनी ही नहीं है। वहीं कैनाल में अधिक्तर दिल्ली, गुड़गांव और बल्लभगढ़ इलाके फैक्ट्रियों का केमिकल युक्त पर गंदा पानी छोड़ा जाता है। जो फसल और लोगों के लिए काफी नुकसानदाय होता है।
पुन्हाना खंड के किसान गुडगांव कैनाल से सिंचाई नहीं कर सकते
गुडगांव फीडर कैनाल पुन्हाना और पिनगवां खंड के शाहचौखा, हींगनपुर, औथा, भूरियाकी, रायपुर, तुसैनी, चांदनकी, नहारपुर, गुलालता, गागडबास, शिकरावा, लहरवाडी, गौधोला, खेडला पुन्हाना, पुन्हाना सहित दर्जन से अधिक गांवों गांवों से गुजरती है। लेकिन इन गांवों के किसान इस फीडर से सिंचाई नहीं कर सकते हैं क्योंकि इसी केनाल से पानी राजस्थान के लिए आगे जाता है। भले ही इन गांवों किसानों को इस कैनाल से सिंचाई करने का अधिकार न हो लेकिन करीब आठ साल पहले इन गावों के किसानों को आबयाना के तौर पर हर साल हजारों रूपये सरकार को अदा करने होते थे ये दिगर बात है अब सरकार ने कुछ समय पहले हरियाणा में आबयाना किसानों का मांफ कर दिया है।
कैनाल की 30 से नहीं हुई मरम्मत
गुडगांव फीडर कैनाल का निर्माण तकरीबन 1965 में शुरू किया गया था और 1970 में इसमें नहरी पानी छोड दिया गया था। यह नहर फरीदाबाद, पलवल, गुडगांव और नूंह सहित चार जिलो के ऐरिया से गुजरती है। यह आधी नहर इंटो तथा कुछ कंकरीट से बनी हुई है। काफी समय से इस नहर की मरम्मत न किये जाने से यह पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। नहर से पानी इधर उधर खेतों में रिस्ता रहता। जिसक कारण सैंकडों खेतों में हर समय पानी भरा रहता है। जिसके चलते किसान अपने खेतों की बिजाई भी नहीं कर पाते हैं। जिससे उनको हजारों रूपये प्रति वर्ष आर्थिक नुसकान उठाना पड़ रहा है।
नहर की मरम्मत के लिए नहीं हैं प्रयाप्त बेलदार
हरियाणा सरकार ने काफी समय पर सिंचाई विभाग में बैलदारों की भर्ती की थी, उनमें से 99 फीसदी बेलदार सेवानिवृत हो चुके है। हाल ही में भाजपा सरकार ने काफी बेलदारों की भर्ती की थी जिनमें से केवल 5 ही मेवात को बेलदार मिल सके। प्रयाप्त बेलदार ने होने से नहर की मरम्मत भी नहीं करते जिससे नहर में पानी किसानों के खेतों में रिस्ता रहता है।
केनाल की मरम्मत के लिए जल्द बनेगा प्रोजेक्ट-कार्यकारी अभियंता
नूंह सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता मुकुल कथूरिया ने माना की गुडगांव फीडर कैनाल का निर्माण हुऐ काफी समय हो गया है। यह आधी से ज्यादा ईंटो से बनी हुई है। जिससे किसानों के खेतों में पानी रिस्ता रहता है। वहीं उन्होने बैलदारों की कमी को माना है। उन्होने यह भी माना की केनाल में केमीकल युक्त पानी आता है। कथूरिया का कहना है कि इस कैलान की मरम्मत का जल्द प्रोजेक्ट बनाकर मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाऐगा। कथूरिया का कहना है कि गुडगांव फीडर कैनाल चार जिलों फरीदाबाद, पलवल, गुरूग्राम और नूंह जिला के क्षेत्रों से गुजरती है, इसलिए चारों जिलों के अधिकारी मिलकर जल्द इसको कंकरीट से बनाने का प्रोजेक्ट तैयार करेगें। वहीं उन्होने कहा कि मेवात में प्रयाप्त पानी मिल रहा है बस थोडा उस समय परेशानी आती है जब सभी जिलों के किसानों को एक साथ पानी की जरूरत होती है।
क्या कहते हैं कांग्रेस विधायक आफताब अहमद
नूंह कांग्रेस विधायक और पूर्व प्रतिपक्ष के उपनेता चौधरी आफताब अहमद ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि जब से प्रदेश में भाजपा सरकार आई है तब से हर वर्ग के साथ साथ किसान भी परेशान है। जब तक एसवाईएल नहर का निर्माण नहीं हो जाता तब तक पूरी हरियाणा को नहरी पानी की किल्लत ही रहेगी। उनका कहना है कि सुप्रिम कोर्ट ने नहर के निर्माण के आदेश दे रखे हैं लेकिन हरियाणा सरकार इस पर कोई गोरफिक्र नहीं कर रही है। आफताब ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार राजस्थान को पानी देने के लिए बेठक तो कर रही है लेकिन मेवात और हरियाणा के किसानों की जो लाखों एकड फसल जो हर साल बिन पानी के सूख जाती है उनको कोई फिक्र नहीं कर रही है। उन्होने कहा पहले हरियाणा के किसानों को पानी मिले फिर दुसरे प्रदेश को पानी देना चाहिए। सरकार जल्द से जल्द एसवाईएल नहर का निर्माण कराए।
–
No Comment.