पुलिस पर हमला कर सरकारी पिस्टल लूटने के चार दोषी सगे भाइयों को नूंह अदालत ने सुनाई 15 साल से अधिक की सजा, जुर्माना भी लगाया।
• पुलिस पर फायरिंग घायल करने के एक दोषी भाई को अन्यों से एक साल कैद व 5000 जुर्माना की अधिक सजा हुई
• 12 जनवरी 2018 तावडू थाने के गांव कांगरका का मामला
• नूंह जिला के सेशन जज सुशील कुमार की अदालत ने सुनाई सजा
यूनुस अलवी,
मेवात/हरियाणा
12 जनवरी 2018 को हरियाणा के नूंह जिला के तावडू थाने के गांव कांगरका में अपराध शाखा पुलिस टीम पर हमला कर कई कर्मचारियों को घायल करने, सरकारी पिस्टल व रौंद लूटने के आरोप में मंगलवार को नूंह सेशन जज सुशील कुमार की अदालत ने तीन सगे भाइयों को कुल 15 साल तीन माह की कैद व 22 हजार 500 प्रत्येक को जुर्माना की सजा सुनाई है। वही पुलिस पर फायरिंग करने के दोषी चौथे भाई जाकिर को आर्म्स एक्ट का भी दोषी मानते हुए उसे अन्य भाइयों से एक साल कैद वे 5000 जुर्माना की अतिरिक्त सजा भी सुनाई है।
अदालत ने सभी चारों दोषियों को धारा 186 में तीन माह कैद 500 रुपए जुर्माना, धारा 332 में दो साल कैद 5000 जुर्माना, धारा 353 में एक साल कैद 2000 रुपए जुर्माना, धारा 307 में 5 साल की कैद व 5000 जुर्माना तथा धारा 392 में 7 साल की कैद 10 हजार जुर्माना की सजा सुनाई है वही अन्य दोषी जाकिर को आर्म्स एक्ट में भी दोषी करार देते हुए उसे अतिरिक्त एक साल कैद व 5000 जुर्माना की सजा सुनाई है। दोषी ताहिर उर्फ छोटा, शरीफ, खुर्शीद पुत्राण हाकम निवासी कांगरका थाना तावडू को 22 हजार 500 रूपये प्रत्येक को जुर्माना भरना होगा। जुर्माना ने भरने पर उनको 4 माह 10 अतिरिक्त सजा काटनी होगी। वही दोषी जाकिर को 27 हजार 500 रुपए जुर्माना भरना पड़ेगा। वही अदालत ने धारा 392 में चारों दोषी भाइयों को सबसे अधिक सात सात साल कैद की सजा सुनाई है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। इसलिए चारों दोषी भाइयों को अधिकतम 7 साल सजा काटनी होगी।
गौरतलब है कि अपराध शाखा तावडू में कार्यरत सब इंस्पेक्टर भगत सिंह की शिकायत पर 12 जनवरी 2018 को तावडू थाने में करीब 10 नामजद लोगों के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने, फायरिंग करने, सरकारी असलह लूटने, मारपीट करने सहित अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। इसी मामले में मंगलवार को नूंह सेशन जज सुशील कुमार की अदालत ने चार सगे भाइयों को ये सजा सुनाई है।
आपको बता दे कि सब इंस्पेक्टर भगत सिंह ने पुलिस को दिए अपने बयान में आरोप लगाए थे कि वह सीआईए नुंह मे बतौर उप निरीक्षक तैनात है। वह अपने अन्य कर्मचारियों के साथ अपराध की तलाश के लिए तावडू बाईपास पर मौजूद था। उसे गुप्त सूचाना मिली की मुकदमा नंबर 163/16 धारा 302 थाना तावडू का आरोपी जाकिर पुत्र हाकम अली निवासी कांगरका अपने घर पर मोजूद है। तुरन्त रैड की जावे तो उसे काबु किया जा सकता है। जिसपर उसने कर्मचारियो के साथ जाकिर के मकान दबिश देकर छत पर चङकर जाकिर को काबु कर लिया। पुलिस हिरासत में आते ही जाकिर ने शोर मचा दिया। शोर सुनकर खुर्शीद, शरीफ, छोटा आदि लाठी डंडों वे हथियारों के बल पर जाकिर को जबरजस्ती पुलिस से छुड़ा लिया। काफी लोगों ने मिलकर मेरे वा साथी कर्मचारियो पर जान लेवा हमला कर दिया। जिसमें कई कर्मचारियों को छोटे भी आई। उन्होंने कहा कि जब जाकिर को हमारे कब्जा से छुडा लिया तो जाकिर ने भाग कर अपने चोबारे से देशी पिस्तोल निकालकर पुलिस पार्टी पर जान से मारने कि नियत से सीधी गोली चलाई, जिससे साथी कर्मचारी बाल बाल बचे। उसके बाद पुलिस ने भी बचाव में फायरिंग की। दोषी जाकिर वा उसके परिवार वालो ने उसकी सरकारी पिस्टल जिसमे 6 जिन्दा रोन्द थे उन को लूट लिया।
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