हरियाणा वक्फ के नव नियुक्त सदस्यों का मामला अटक सकता है, पहुंचा हाईकोर्ट, याचिका स्वीकार
हरियाणा वक़्फ़ बोर्ड गठन नोटिफिकेशन को चुनौती देने वाली याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय कल करेगी सुनाई,अर्ज़ी सवीकर
यूनुस अलवी,
चंडीगढ़:
हरियाणा वक़्फ़ बोर्ड के गठन के नोटिफिकेशन को चुनौती देने वाले याचि मोहम्मद अरशद ने याचिका के माध्यम से सरकार के ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से दूसरी बार बोर्ड का गठन पर सवाल उठाए हें। याचिका में याचि ने पाँच बिंदुओं को आधार बनाते हुए नोटिफ़िकेशन को निरसत करने की अपील की हे। पहला बिंदु यह की सरकार ने धारा 14(1)(4) एव 7 to 10 हरियाणा वक़्फ़ नियम,2021 का उल्लंघन किया हे जैसे की किसी भी श्रेणी का इस नोटिफ़िकेशन ज़िक्र नहीं किया,किसी भी मेम्बर की श्रेणी को खुलासा ना होना, हरियाणा वक़्फ़ अधिनियम का सीधा उल्लंघन हे।क़ोई भी बोर्ड गठित होने के लिए निर्वाचित और चयन किया जाता हे और ये चयन धारा 14 के अनुसार होना चाहिए, धारा 14 के अनुसार निर्वाचित सदस्यों की संख्या हमेशा नामित सदस्यों से अधिक होनी चाहिए।बल्कि इस नोटिफ़िकेशन में एशा नहीं दर्शाया गया हे,और सभी मेंबर्स को नामित किया गया है।नोटिफ़िकेशन के अनुसार श्रेणी नम्बर 2 के श्री अल्ताफ़ हुसैन को मुस्लिम सीन्यर ऐड्वकट की श्रेणी में रखा गया हे, लेकिन ये मेम्बर संबंधित बार काउंसिल यानी पंजाब एव हरियाणा में रजिस्टर्ड नहीं है,बल्कि दिल्ली बार कौंसिल मैं रजिस्टर्ड है, मुस्लिम सीन्यर ऐड्वकट की श्रेणी में केवल चुनाव से ही नियुक्त किया जा सकता है,।सरकार दोबारा अब अपना ही नोटिफ़िकेशन में फँसती नज़र आ रही हे।याचि ने अपनी याचिका के माध्यम से दावा किया कि बार काउंसिल पंजाब एंड हरियाणा के द्वारा जो सात वकीलों के नाम सरकार को भेजे थे उन पर कोई अमल नहीं किया गया। वही दूसरी और MLA श्रेणी में कोई भी चुनाव नहीं कराया गया, यह सीधे तोर पर 14(1) वक़्फ़ अधिनियम 1995 का उलंघन है। इसके अलावा याची मोहम्मद अरशद ने यह भी दर्शाया कि नोटिफिकेशन वक़्फ़ मेंबर्स चुनाव अचार सहिता का सीधा सीधा उल्लंघन है ।
आज सुबह याची मोहम्मद अरशद ने डिवीज़न बेंच के समक्ष उल्लेख (मैंशनिंग) अर्जेंट हियरिंग के लिये अर्ज़ी दी जॉकी डिवीज़न बेंच ने सवीकार करते हुए रजिस्टरी को कल के लिए लिस्ट करने के आदेश दिया।
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