विधायक आफताब अहमद पहुँचे नूंह अनाज मंडी, किसानों का दर्द सुनकर की डीसी से बात
Younus Alvi
Nuh/Mewat
हरियाणा कांग्रेस विधायक दल उप नेता चौधरी आफताब अहमद सोमवार को नूंह अनाज मंडी का दौरा करने पहुंचे। पीसीसी सदस्य महताब अहमद सहित दर्जनों किसान उनके साथ मौजूद रहे।
इस दौरान आफताब अहमद ने कहा कि नूंह मंडी गेहूं से अटी हुई है जिससे किसान और आढ़ती परेशान है। मंडी में गेहूं का न तो समय पर उठान हुआ और न ही किसानों को पेमेंट दी जा रही है, नूंह के किसानों का अनाज नूंह वेयरहाउस भेजा जा रहा है। इससे पूर्व भी बेमौसमी बारिश से किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ था जिससे सरकार को मुआवजे के साथ-साथ किसानों को बोनस के तौर पर पांच सौ रुपए प्रति किवंटल देने की मांग की गई थी जो अभी तक अमल में नहीं लाई गई है।
नूंह विधायक आफताब अहमद ने कहा कि प्रदेश व मेवात में काफी गेंहू खराब हुआ, मगर गिरदावरी महज दस प्रतिशत की हुई। किसान द्वारा व पटवारी द्वारा अलग अलग तथ्य भरे जाने पर फसल खरीद में परेशानी आ रही है। मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल भी सही तरह कार्य नहीं कर पा रहा है जिससे किसान की परेशानी दूर होने के बजाय बढ रही है।
विधायक ने कहा कि लिफ्टिंग भी नहीं हो रही है। नूंह के किसान को फसल बेचने तावडू जाना पड रहा है, जिससे अतिरिक्त खर्च वहन करना पड रहा है , उपर से फसल के पैसे भी किसान को तत्काल प्रभाव से नहीं मिल रहे हैं। नूंह अनाज मंडी गेंहू से पूरी तरह भर गई है , क्योंकि सरकार ने इसका बडा हिस्सा एक निजी संस्था को किराये पर दे रखा है और परेशानी किसान को भुगतनी पड रही है। आफताब अहमद ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है जैसे भाजपा जजपा सरकार किसान आंदोलन की खुन्नस किसानों से निकाल रही है।
समस्या के समाधान के लिए विधायक आफताब अहमद ने मौके से ही डीसी नूंह प्रशांत पंवार आई ए एस को फोन कर कहा कि तत्काल इन समस्याओं का समाधान कराया जाए और किसान की फसल खरीद भुगतान को तत्काल कराकर, मंडी से लिफ्टिंग भी कराई जाए और प्रशासन सुनिश्चित करे की किसानों को फसल खरीद में अनावश्यक दिक्कत ना पेश आए। जिला उपायुक्त ने विधायक को आश्वस्त किया कि प्राथमिकता पर समस्या का समाधान कराया जाएगा।
विधायक आफताब अहमद को किसानों ने जानकारी दी कि ज्यादातर किसान अपनी फसल सरकार को बेचने से डर रहे हैं क्योंकि सरकार इसे कमाई मानकर उनके परिवार पहचान पत्र द्वारा मिल रही पेंशन व अन्य सुविधाओं को काट सकती है। उन्हें अपना राशन आदि कटने का डर भी सता रहा है। आफताब अहमद ने कहा कि किसान को जो पैसा फसल खरीद पर मिलता है उसमें शायद 5 प्रतिशत भी मुनाफा नहीं होता बल्कि किसान की साल भर की दैनिक मजदूरी जोडें तो लागत भी नहीं निकलती है, इसलिए सरकार ऐसी मानसिकता को त्यागकर किसान के उत्थान की बात सोचे।
इस दौरान अशरफ पूर्व सरपंच घासेड़ा, वहीद सलम्बा, जक्की सलम्बा, महिंद्र गोयल, सतपाल सिंगला, शेर सिंह डागर, भोपा जुगल, रवि नंबरदार, श्याम सुंदर, लालू, लाला वेद प्रकाश, मीनू, रघुराज , विकास सिंह, पिंटू, गोकुल, बिट्टू, काकू, विजय, टोनी, अय्यूब शेहरावत आकेड़ा, इस्लाम नवाबगढ़, परवीन चैयरमैन इंडरी, शमीम रहनिया, अल्ताफ धांदुका आदि मौजूद थे।
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