कुरैशी जाति को हरियाणा में बीसीए व केंद्र में ओबीसी वर्ग में शामिल करने के लिए सीएम के नाम ज्ञापन
फोटो-एसडीएम पुन्हाना को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपते कुरैशी कांफ्रेंस संगठन के पदाधिकारी
यूनुस अलवी
नूंह,
मेवात और हरियाणा में बसने वाले कुरैशी मुस्लिम जाति को हरियाणा में बीसीए व केंद्र में ओबीसी वर्ग में शामिल करने की मांग को लेकर कुरैशी कांफ्रेंस संगठन की ओर से एसडीएम पुन्हाना की मार्फत हरियाणा के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
इस मौके पर संगठन के पदाधिकारी सरफुद्दीन कुरेशी, सिराजुद्दीन कुरेशी, शाहिद हुसैन कुरेशी ने बताया कि हरियाणा राज्य में उनके समाज की करीब सवा लाख से अधिक की आबादी है। उनके समाज को कसाई, कसाब, कुरैशी आदि नामों से जाना जाता है। क़ुरैशी समुदाय के पास अपनी कोई जमीन नहीं है। इसलिए इस समुदाय के अधिकांश लोग भैड, बकरी, भैंस, बैल, ऊँट आदि जानवरों की खरीद फरोख्त कर या मजदूरी पर काम कर अपने बच्चों का पालन करते हैं। गरीबी के चलते वे अपने बच्चों को शिक्षा दिलाने से भी वंचित रहते हैं, इसलिए यह समुदाय सामान्यतः राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से अधिक पिछड़ा हुआ है। अन्य समुदाय/जातियां जो पहले ही आरक्षण का लाभ प्राप्त कर चुके हैं। क़ुरैशी समुदाय के आरक्षण का लाभ पाने से वंचित होने के कारण सार्वजनिक क्षेत्रों में सरकारी पदों की संख्या नगण्य है।
उनका कहना है कि हरियाणा राज्य को छोड़कर देश के राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश बिहार, आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, झारखंड, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में कसाब, कसाई, कुरेशी नाम से उनकी बिरादरी को बीसीए का दर्जा दिया हुआ है। तथा केंद्र सरकार द्वारा ओबीसी का आरक्षण दिया हुआ है।
उनका कहना है कि हरियाणा में समाज को सामान्य श्रेणी में रखा गया है जिसकी वजह से वे ओबीसी की भी सर्टिफिकेट नहीं बनवार सकते है। जिससे उनका समाज केंद्र के आरक्षण से भी वंचित रह जाती है।
उन्होने हरियाणा के मुख्यमंत्री से मांग की है कि उनके कुरैशी समाज को हरियाणा में बीसीए और केंद्र में अन्य पिछड़ा वर्ग का दर्जा दिया जाए। उनका समाज भारत के अन्य राज्यों में कसाई, क़साब, क़ुरैशी के नाम से जाना जाता है जो भारत के अन्य राज्यों में पिछड़ी जातियों की सूची में शामिल है।
इस मौके पर सरफुद्दीन कुरेशी, सिराजुद्दीन कुरेशी, शाहिद हुसैन कुरेशी, कानूनी सहायता सलाहकार, जान मोहम्मद कुरेशी, एडवोकेट अकरम कुरेशी, एडवोकेट और ऑल हरियाणा कुरैशियन समुदाय सहित काफी प्रमुख लोग
मौजूद रहे।
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