जिला मुख्यालय पर बने शहीदी पार्क और गांधी पार्क अपनी बदहाली पर बहा रहे हैं आंसू
• शहीदी पार्क में सो मीटर ऊंचा देश का झंडा और शहीदों के नाम लिखे होने के बावजूद प्रशासन बेखबर
• शाम होते ही शराबियों और नशेड़ियों का अड्डा बन रहे हैं यह दोनों पार्क
यूनुस अलवी
नूंह
नूंह जिले के हेड क्वार्टर पर बनाए गए शहीदी पार्क और गांधी पार्क आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं। उनकी हालत इतनी बदतर है कि यहां पर शाम होते ही शराबियों का जमावड़ा लग जाता है। अब तो यह दोनों पार्क शराबियों के अड्डे के नाम से जाने जाने लगे हैं। जिससे शहर के लोगों में भारी रोष है। बार बार शिकायत करने पर भी जिला प्रशासन इन दोनों पार्कों की कोई सुध नहीं ले रहा है, जिसके कारण इनकी हालत बदतर होती जा रही है। जिले के एक मात्र पार्क जो लोगों की सुविधाओं के लिए बनाए गए थे। आज ये बदहाल हो रहे हैं।
आपको बता दें कि नूंह के खेड़ला गांव के नजदीक शहीद हसन खान कॉलेज को जाने वाली सड़क पर बना शहीदी पार्क एक ऐतिहासिक पार्क है। जिसमें मेवात जिले के क्रांतिकारी एवम देश की आजादी में शहीद हुए शहीदों के नाम गांव अंकित है। देश पर अपनी जान न्यौछावर करने वाले शहीदों के नाम पर बने इस पार्क में 100 मीटर ऊंचा देश का ध्वज लगाया हुआ है, जिसके नीचे आज ना तो कोई बिजली की व्यवस्था है और ना यहां पर कोई स्ट्रीट लाइटों का इंतजाम किया गया है। पहले लगाई हुई स्ट्रीट लाइट सब जर्जर हो गई हैं और अंधेरे में ही देश के इस झंडे को लहराने के लिए छोड़ दिया गया है। इतना ही नहीं गुड़गांव की ओर से नूंह में प्रवेश करने पर गांधी पार्क बनाया हुआ है जो आज एक शराबियों का अड्डा बनता जा रहा है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि इन पार्कों के मैन गेट भी तोड़ दिए गए हैं और यह पार्क पूरी तरह जर्जर कर दी गई है। इन पार्कों में ना तो पीने के पानी की व्यवस्था है, ना बाथरूम है और ना ही इनमें फव्वारे लगाए हुए हैं। इतना ही नहीं इन पार्कों में ना चौकीदार है और ना ही कोई शहर के लोगों के लिए व्यवस्था का इंतजाम किया गया है। जिससे यहां पर घूमने वालों की सुरक्षा को भी देखा जाए तो उनकी सुरक्षा की दृष्टि से भी यह पार्क अब सुरक्षित नहीं है। जिससे शहर के लोगों ने अब इस पार्क में शाम के समय आना बंद कर दिया है। इतना ही नहीं शहर के लोगों ने ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में भी यह मुद्दा उठाया लेकिन जिला प्रशासन पर अब तक इन पार्कों को लेकर कोई असर देखने को नहीं मिला है। शहर के लोगों का कहना है कि गांधी पार्क में बनी गांधी जी की स्मारक नीचे से टूटने लगी है और इस पार्क के पूरे रास्ते गड्ढों में तब्दील हो रहे हैं। यहां पर बनाए गए चबूतरे व बाथरूम पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो गए हैं। लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। जबकि यहां से मेवात जिले में आने वाला हर मंत्री, मुख्यमंत्री और मेवात के उपायुक्त आए दिन गुजरते रहते हैं लेकिन इसकी हालत पर किसी का ध्यान नहीं है।
समाज सेवी सीनियर एडवोकेट नूरुद्दीन नूर का कहना है कि शहीदों की याद में बनाई गई शहीदी पार्क और गांधी पार्क आज पूरी तरह जर्जर खंडहर होती जा रही है। जिसकी चारों तरफ से दीवारें टूट चुकी हैं और यहां बिजली पानी जैसी कोई सुविधा भी लोगों को नहीं है। पहले जब यह पार्क बनाया गया था तो लोग यहां घूमने जाते थे, शहर की महिलाएं भी जाती थी, लेकिन धीरे-धीरे जिला प्रशासन और सरकार ने इन पार्कों पर ध्यान देना छोड़ दिया है। जिसके चलते अब यह खंडहर में तब्दील हो रही है। उन्होंने जिला प्रशासन और जिला उपायुक्त से मांग की है कि उनकी ओर ध्यान देकर इनका रखरखाव किया जाए ,ताकि शहर के लोगों को इनका लाभ मिल सके।
फोटो कैप्शन। नूंह जिले के हेड क्वार्टर पर बनी शहीदी पार्क
और गांधी पार्क।
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