कामगार महिलाओं के लिए सरकार ने शुरू की मुख्यमंत्री मातृत्व सहायता योजना- एडीसी
–योजना के तहत अब दूसरा बच्चा होने पर मिलेगी पांच हजार रुपये की आर्थिक सहायता
यूनुस अलवी
नूंह,
अतिरिक्त उपायुक्त रेनू सोगन ने बताया कि प्रदेश सरकार ने कामगार महिलाओं को सुविधा प्रदान करने का अहम कदम उठाया है। अब कामगार महिलाओं को दूसरा बच्चा लडक़ा होने पर भी प्रदेश सरकार की योजना के तहत पांच हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग ने गर्भावस्था में मजदूरी के दौरान नुकसान की भरपाई व स्तनपान कराने वाली महिलाओं में पोषण सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री मातृत्व सहायता योजना शुरू की है। इस योजना के तहत 8 मार्च, 2023 के बाद दूसरे बच्चे के रूप में लडक़े को जन्म देने वाली अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाएं इस योजना का लाभ उठा सकेंगी। एडीसी ने बताया कि इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं। अब 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग महिलाओं सहित मनरेगा जॉब कार्ड, ई-श्रम कार्ड, बीपीएल राशन कार्ड, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और किसान सम्मान निधि की लाभार्थी महिलाएं भी इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र होंगी। योजना का लाभ लेने के लिए संबंधित महिला के परिवार की सालाना आय 8 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। इस योजना के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है। केंद्र या प्रदेश सरकार की नौकरियों और सार्वजनिक उपक्रमों में तैनात महिला कर्मचारी योजना का लाभ लेने के लिए पात्र नहीं होंगी। सहायता राशि लेने के लिए गर्भावस्था के पंजीकरण के बाद कम से कम एक बार प्रसव पूर्व जांच के साथ ही बच्चे का पंजीकरण और उसे बीसीजी, ओपीवी, डीपीटी और हेपेटाइटिस बी के टीके लगवाना जरूरी है। अतिरिक्त उपायुक्त रेनू सोगन ने बताया कि मुख्यमंत्री मातृत्व सहायता योजना का लाभ लेने के लिए आंगनबाड़ी वर्कर या आशा वर्कर के माध्यम से आवेदन किया जा सकेगा।
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