तावडू में सनरूफ की गाड़ियों और सायरनो के बढ़ते क्रेज की होड़ में मंत्री फेल।
नसीम खान
तावडू,
आपको ज्ञात हो कि पहले लाल बत्ती और सायरन सिर्फ सरकारी गाड़ियों व नेताओं को ही मिलती थी। लेकिन इस दौर में नई जनरेशन अपने निजी वाहनों में हुटर सायरन लगाकर हवा बाजी करते हुए नजर आते हैं गौरतलब है शहर में 60% निजी वाहनों में सायरनो का प्रयोग किया जा रहा है। हर चौक चौराहे पर हुड़दंग बाज अपने वहानो का सायरन बजाकर निकलते हैं। लेकिन बात यही नहीं रुकती हुड़दंग बाज पुलिस के सामने भी नहीं चूकते पुलिस के जवान खड़े होकर देखते हैं लेकिन वह जवान चाह कर भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पाते हैं। इन हुड़दंग बाजों के सामने पुलिस भी नतमस्तक नजर आ रही है या फिर यूं कहें कि पुलिस इनके खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाना चाहती। वहीं इसी कड़ी में विवाह शादियों में भी छत खुलने वाली सनरूफ की गाड़ियो की छतो पर दूल्हे के मित्रगण झूमते हुए नजर आते हैं उनके एक हाथ मैं तो फोन तो वही दूसरे हाथ में रेड बुल, स्टिंग, हेल, कोल्ड्रिंग जैसे पेय पदार्थ नजर आते हैं और फिर चलती गाड़ी में यह एक दूसरे की सेल्फी लेते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई करनी चाहिए लेकिन पुलिस हाथ पैर हाथ रखकर बैठी हुई है। शायद किसी बड़े हादसे के इंतजार में बैठी है।
…… क्या कहते हैं डीएसपी तावडू मुकेश कुमार उनसे जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि जिन गाड़ियों में सायरन लगे हुए हैं और जो भी सनरूफ की गाड़ियां हैं। जो लोग ट्रैफिक नियमों की अवेल ना करता है उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यदि इस दौरान सायरन बजते हुए पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसे हुड़दंग बाजों के लिए पुलिस के जवानों की ड्यूटी लगाई गई है यदि कहीं पर भी सनरूफ से बाहर निकलते हुए या फिर गाड़ी में सायरन बजता हुआ पाया जाता है तो उसको किसी भी सूरत में माफ नहीं किया जाएगा।
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