तावडू में बालश्रम कानून की उड रही धज्जियांए प्रशासन मौन।
नसीम खान
तावडू,
बालश्रम उन्मूलन व अन्य योजनाओं पर सरकार पानी की तरह पैसा बहा रही है। लेकिन धरातल पर इसका असर नहीं हो पा रहा। क्षेत्र में शासन-प्रशासन जानकर भी अनजान बना है। शहर व क्षेत्र में चाय की दुकान, होटलों पर, मैकनिक की दुकान, कपडे की दुकान व परचून की दुकानों तथा अन्य प्रतिष्ठानों के अलावा रेहडियों पर छोटे-छोटे बच्चे कार्य कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय कैबिनेट ने बालश्रम कानून में संसोधन कर 14 वर्ष तक के बच्चे से कार्य कराने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है और 14 से 18 वर्ष तक के बच्चों को खतरनाक उद्योगों में काम करने पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई हुई है। कानून में संसोधन से बालश्रम पर रोक लगनी चाहिए। लेकिन प्रशासन की लापरवाही से क्षेत्र में बालश्रम उन्मूलन कानून की धज्जीयां उड रही हैं। क्षेत्र में अब नौनिहालों का जीवन गर्त में जा रहा है। क्षेत्र के नौनिहाल जिनका अभी पढने व खेलने का समय है लेकिन कुछ नौनिहालों के हाथ में कटौरा देख लोगों का मुहं शर्म से झुक जाता है।
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