रोज़ेदार का रोजा खुलवाना, मग़फिरत और जहन्नम से आज़ादी का ज़रिया है:
साबिर मज़ाहिरी
फोटो मुफ्ती साबिर मज़ाहिरी
यूनुस अलवी नूह
जमीअत उलमा ए मेवात के ऑफ़िस महासचिव मोलाना साबिर मज़ाहिरी ने सम्पूर्ण विश्व एवं समस्त देशवासियों को रमज़ान की मुबारकाबाद देते हुए कहा कि रमज़ान में अल्लाह की रहमतें और इनायतें खासतौर पर बन्दों की तरफ आकर्षित होती हैं, इस महीने में शैतान को क़ैद किया जाता है और इबादतों का सवाब 70 गुना बढ़ा दिया जाता है, यह खास इबादतों का मौसम है, इसका जितना फायदा उठा सकते हों उठा लें। मौलाना ने कहा कि नमाज़,रोज़ा, तिलावत के साथ इस माहे मुबारक में गरीबों को खास ख्याल रखें,अपनी तरफ से अपने मुहल्ले,आस-पड़ोस और इससे आगे बढ़कर ग़रीब बस्तियों में सेहरी और इफ्तार का इंतेज़ाम करवायें।
मौलाना साबिर मज़ाहिरी ने कहा कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसललम ने फरमाया कि जिसने किसी रोज़ेदार को इफ्तार कराया,अल्लाह उसकी मग़फिरत फरमायेंगे और जहन्नम से छुटकारा अता फरमायेंगे।आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि यह सब्र का महीना है। लिहाज़ा हमें चाहिये कि इस महीने में में क्रोध,अदावत,दूसरों की बुराई(ग़ीबत), झूठ और चुग़लखोरी जैसे बुरे कर्मां से बचें और ज़्यादा से ज़्यादा कुरआन की तिलावत और एक-दूसरे के साथ हमदर्दी का मामला करें।पूरे महमीने रोज़े रखें और इस माहे मुबारक की खास नमाज़ तरावीह पूरे महीने बीस रकअत अदा करें। अगर कोई बूढ़ा या बीमार रोज़ा नहीं रख सकता तो उसे चाहिये कि रमज़ान के एहतराम में खुलेआम खाने पीने से बचे।
मौलाना ने तमाम मुसलमानों से अपील की कि अपने प्यारे देश हिन्दुस्तान की तरक़्की और अमन-शांति की भी दुआ करें।
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