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ईद से पहले बाजारों में बढ़ी रौनक, मंहगाई पर ईद हावी

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ईद से पहले बाजारों में बढ़ी रौनक, मंहगाई पर ईद हावी

फोटो–पिनगवां के बाजार में ईद की शोपिंग करते लोग

 

यूनुस अलवी, खबर हक

मेवात,

इसलाम धर्म के मानने वाले मुसलमानों के सबसे बडे त्योंहार मीठी ईद यानी ईद-उल-फितर मे आज का ही दिन ही शेष बचा हैं। यानि ईद 11 अप्रैल को मनाई जाऐगी। इसी वजह से मेवात के बाजारों में ईद की रौनक अचानक बढ़ गई है। ग्राहकों से बाजार अटें पडे, लोग खरीददारी भी जमकर कर रहे हैं, जिससे दुकानदार भी खुश। कुछ लोग महंगाई की वजह से कम खरीदारी कर रहे हैं वहीं कुछ लोग अल्लाह का हुक मानकर जमकर खरीददारी कर रहें है। लोगों का मानना है कि खरीददारी तो करनी ही है चाहे महंगाई ही क्यों न हो। कई का कहना है कि रमजान के महीने में पैसा खर्च करने पर ज्यादा सवाब मिलता है। ईद की तैयारी को लेकर लोगों ने ज्यादातर रेडीमेट कपडे, जूता, चप्पल के अलावा इत्र की जमकर खरीदारी की। लोगों ने शाम को रोजा इफ्तार करने के लिये फल और खजूर भी खरीदे।

ईद के मौके पर अपने बच्चे को रेडीमेट कपडे खरीदने आये आमीन का कहना है कि महंगाई की वजह से बच्चों के लिए ईद का सामान खरीदना मुश्किल हो रहा है। ईद के मौके पर एक का सामान तीन में मिल रहा है। आखिर करें तो क्या करें ईद जो है, बच्चों को सामान तो खरीदना ही है।

मेवात मुस्लिम बहुल क्षेत्र है। नूंह जिला के पुन्हाना, पिनगवां, फिरोजपुर झिरका, तावडू, नगीना और नूंह के बाजार लोगों से पटे हुए हैं।

बाजार में ईद का सामान खरीदने आये इसराईल, याकूब और जमशेद का कहना है कि ईद के मौके पर महंगाई नहीं देखी जाती है, आलिमों का कहना है कि रमजान माह में जितना खर्च करोगे, अल्लाह उसका 70 गुणा सवाब यानि पुण्य देता है।

इत्र खरीद रहे मौलाना जमील का कहना है कि नये कपडे पहनना और इत्र लगा कर ईद की नमाज पढने का बहुत सवाब है। इसी वजह से रमजान माह में इत्र का लोग ज्यादा इस्तेमाल करते हैं।

रमजान माह में ईद के मौके पर महंगाई को मात देकर जमकर हो रही खरीदारी से दुकानदार भी बेहद खुश है। वे तो यही दुआ कर रहे हैं कि ईद हर रोज आये और उनकी ऐसी ही बिक्री होती रहे। दुकानदार सोनू शर्मा का कहना है कि बाजार में महंगाई तो है लेकिन महंगाई पर ईद हावी हो गई है, इसी वजह से लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं।

गौरतलब है कि इस्लाम धर्म में रमजान माह में रखे जाने रोजों की बड़ी अहमियत है। इस दौरान लोग 29 या 30 रोजे रखते हैं। यानि कि चांद देखने पर रोजा रखा जाता है और चांद देखने पर ही ईद मनाई जाती है। इसी तरह अगर मंगलवार की शाम चांद नजर नही आने की वजह से अब बृहस्पतिवार को ईद मनाई जाऐगी। मुस्लिम समाज के लोग ईद के दिन नए नए कपडे पहनते हैं और गांव की ईदगाह में जाकर सभी एक साथ दो रकात नमाज पढ़कर अल्लाह का शुक्र अदा करते हैं। वहीं गरीब और यतीम, बेसहारों को जकात, फितरा देकर उनकी आर्थिक मदद करते हैं। जिससे गरीब लोग भी अपनी ईद को अच्छी तरह से मना सकें।

 

 

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