अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे 9 गांवों के किसानों की महापंचायत, प्रशासन ने 35 दिन का समय मांगा
Khabarhaq.com
Deepak Kumar, Mewat :
नूंह जिले के आईएमटी रोजकामेव स्थित धीरदोका गांव में मुआवजे को लेकर पिछले 4 महीने (29 फरवरी से) अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे 9 गांवों के किसानों ने गुरुवार दोपहर को महापंचायत बुलाई।
इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष रवि आजाद, किसान यूनियन दिल्ली के प्रदेशाध्यक्ष दलजीत डागर, दिल्ली किसान मोर्चा के अध्यक्ष सत्येंद्र लोचव, देवीलाल मोहना, पूर्व विधायक नूंह हबीब उर रहमान, तैयब हुसैन घासेडिया सहित नूंह कमेटी के सदस्य हाफिज सिराजुद्दीन, जाहिद पूर्व सरपंच मेहरोला, सहित कई किसान संगठन पहुंचे। वहीं इस महापंचायत में जिला प्रशासन की ओर से नूंह एसडीएम विशाल, डीएसपी सुरेंद्र सिंह सहित एचएसआईआईडीसी के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। किसानों द्वारा आईएमटी रोजकामेव का काम रोकने की बात पर एसडीएम विशाल ने 35 दिन का समय मांगा। जिसके बाद किसान नेता रवि आजाद ने प्रशासन को इन 35 दिनों में एग्रीमेंट रद्द करने और ब्याज सहित मुआवजा देने का अल्टीमेटम दिया। साथ ही कहा कि जुलाई माह के अंतिम सप्ताह में सभी किसान अपने ट्रैक्टरो से गांव रेवासन से जिला मुख्यालय नूंह तक शांतिपूर्ण मार्च कर सरकार को जगाने का भी काम करेंगे।
किसानो का कहना है कि पिछले 4 महीने से किसान धरने पर बैठे हैं, लेकिन सरकार मुआवजे पर कोई सुनवाई नहीं कर रहीं हैं। बीते 11 जून को जिला प्रशासन के साथ मीटिंग के बाद किसानों ने 15 दिन का अल्टीमेटम दिया कि अगर 26 जून तक सरकार को किसी प्रकार का कोई संतुष्ट जबाव नहीं मिला तो किसान अब कड़ा निर्णय लेगा। 26 जून तक सरकार की ओर से कोई बात सामने नहीं आई। जिसके बाद अब किसानों ने 4 जुलाई को महापंचायत बुलाई गई।
बता दें कि आईएमटी रोजकामेव के लिए 9 गांव खेड़ली कंकर, मेहरोला, बडेलाकी, कंवरसीका, रोजकामेव, धीरदोका, रूपाहेड़ी, खोड (बहादरी) और रेवासन के किसानों की वर्ष 2010 में 1600 एकड़ अधिग्रहण की जमीन की गई थी। उस दौरान किसानों की जमीन को सरकार द्वारा 25 लाख रुपए का मुआवजा देकर प्रति एकड़ अधिग्रहण किया गया था, लेकिन इसके बाद सरकार ने फरीदाबाद के चंदावली, मच्छगर गांवों की जमीन को भी अधिग्रहण किया। वहां के किसानों ने कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी जमीन को सस्ते दामों में सरकार पर लेने का आरोप लगाकर मुआवजा बढ़ाने की मांग की थी, जिस पर कोर्ट ने किसानों को प्रति एकड़ 2 करोड़ की राशि देने के आदेश दिए थे। इस दौरान जब 9 गांवों के किसानों को पता चला कि उक्त गांवों के किसानों को 2 करोड़ प्रति एकड़ मिले हैं तो उन्होंने भी लंबी लड़ाई लड़कर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। जिस पर सरकार ने किसानों से बातचीत करते हुए उनकी जमीन को 46 लाख रुपए प्रति एकड़ देने की बात कही और उनसे एफिडेविट पर साइन करा लिए, ताकि किसान कोर्ट में ना जा सके और सभी किसानों को 21- 21 लाख रुपए देकर कहा कि आगे आपको 25-25 लाख रुपए ओर दे दिए जाएंगे, लेकिन आज तक भी किसानों को 25-25 लाख रुपए नहीं दिए गए हैं।
फोटो: मुआवजे को लेकर आईएमटी रोजकामेव स्थित महापंचायत करते हु
ए किसान।
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