राष्ट्रीय फलोरोसिस रोकथाम एवं नियन्त्रण कार्यक्रम का मांडीखेडा में हुआ आयोजन :
ख़बरहक़
नूंह 24 जनवरी :
राष्ट्रीय फलोरोसिस रोकथाम एवं नियन्त्रण कार्यक्रम द्वारा सिविल सर्जन, नूंह डा. सुरेन्द्र यादव के निर्देशानुसार जिला अस्पताल माण्डीखेडा मे हडडी रोग फलोरोसिस मरीजो को डा. अरविन्द्र कमार एस.एम.ओ. माण्डीखेडा द्वारा ट्राईसाइकिल तथा व्हील चेयर प्रदान किए गए इस मौके पर डा. अरविन्द्र कुमार द्वारा लोगो को बताया गया कि फलोरोसिस एक गम्भीर और दर्दनाक बीमारी है जो पानी मे अत्याधिक फलोराइड की मात्राा होने के कारण होती है । पेयजल, भोजन के जरिये अधिक मात्रा मे फलोराइड का सेवन कर लेने के कारण फलोरोसिस की समस्या उत्पन्न होती है। ब्यूरो आफ इंडियन स्टैण्डर्ड द्वारा पानी मे फलोराइड की अधिकतम मात्रा 1.5 पी.पी.एम. तय की गई है। जबकि नूंह जिले मे पानी मे फलोराइड की मात्रा 10 गुना अधिक है। फलस्वरूव नूंह जिले में दांतो का पीलापन तथा समय से पहले दांतो का खराब होना तथा जोडो में दर्द की समस्या (विकृति या हडिडयो का टेढापन) बहुत ही सामान्य रूप से पाई जाती है । इसलिए जिला नूंह की फलोरोसिस टीम द्वारा गांव गांव जाकर फलोरासिस ग्रसित लोगो की जांच की जा रही है तथा जटिल मरीजो को उपचार के लिए जिला अस्पताल माण्डीखेडा लाया जा रहा है । फलोरोसिस बीमारी के मुख्य लक्षण मतली उल्टी आना, भूख कम लगना, पेट में दर्द होना, पेट फूलना, गैस बनना दांतो का रंग बिगडना, बार बार पेशाब आना, अत्याधिक प्यास लगना, मांसपेशियो, जोडो मे दर्द होना, लम्बी दूरी तक चलने में असमर्थता आदि । इस बीमारी से हुई समस्याओ से छुटकारा पाने क लिए भरपूर मात्रा मे ताजा फलो, हरी पत्तेदार सब्जियो, दूध का सेवन करे तथा अपने पीने के पानी की जांच जिला अस्पताल माण्डीखेडा में फलोरोसिस लैब मे करवाए । इस मौके पर डा. प्रवीण राज तंवर नोडल अधिकारी फलोरोसिस एवं नियन्त्रण कार्यक्रम, डा. रिजवान खान फलोरोसिस सलाहकार जिला नूंह तथा वसीम अकरम लैब टैक्नीशियन फलोरोसिस, मुबारिक हुसैन काउंसलर, मौ. शाकिर को-आर्डिनेटर, आशीष गुप्ता आपरेटर आदि मौजूद रहे ।
फोटो कैप्शन : फलोरोसिस मरीजो को एस.एम.ओ.डा. अरविन्द्र कुमार समान्य अस्पताल माण्डीखेडा ट्राईसाइकिल तथा व्हील चेयर प्रदान करते हुए।
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