मुंढ़ेेता गांव के लोग पंद्रह साल से पीने के पानी से परेशान, प्रशाशन के खिलाफ महिलाओं ने किया मटकाफोड प्रदर्शन
Younus Alvi
Nuh/Mewat
करीब एक करोड खर्च होने के बाद भी पुन्हाना उपमंडल के गांव मुंढ़ेता निवासी पिछले 15 सालों से पीने के पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। महिलाएं करीब तीन किलोमीटर दूर से सिर पर मटका रखकर दूसरे गांव से पानी लाती हैं। बृहस्पतिवार को आखिर गांव की महिलाओं के सब्र का दामन टूट गया और महिलाओं ने गांव के लोगों और सरपंच के साथ मिलकर गांव के ही वाटर चैंबर पर पहुंचकर खाली मटका फोड़ कर विरोध प्रदर्शन किया।
वहीं गांव के लोगों ने चेतावनी देते हुए कहा अगर जल्द ही उनके गांव को पीने के पानी की समस्या से निजात नहीं दी गई तो उनको मजबूर होकर नसीरपुर गांव में पुन्हाना-नगीना मार्ग पर जाम लगाना पडेगा। अगर अधिकारियों ने फिर भी समाधान नहीं किया तो वे जनस्वास्य विभाग के अधिकारियों के कार्यालय पर ही अनिष्चितकालीन धरने देंगें।
गांव मुंढ़ेता के सरपंच सद्दाम हुसैन, याहया खान ने बताया कि उनके गांव को पीने के पानी से करीब 20 साल पहले काटपुरी गांव से जोड़ा गया था। वह पानी एक के केवल एक ही मोहल्ले को आ रहा हैं जबकि गांव के दो तिहाई हिस्सा को आज भी पीने का पानी नहीं मिल रहा है। उसके बाद करीब 15 साल पहले गांव को पानी पहुंचाने के लिए खानपुर घाटी से जोड़ा था। वाटर चैंबर तो बदा दिया लेकिन 15 साल से आज तक उसमें एक बंूद पानी तक नहीं आया है।
गांव के लोगों का कहना है कि करीब दो साल पहले उनके गांव को रैनीवेल से जोडने की योजना के तहत गांव में वाटर चैंबर बनाया था। इसमें भी आज तक पानी नहीं आया हैं। विभाग के ठेकेदारों ने गांव के अंदर पाइप लाईन भी अधूरी बिछाई है। उनके र्ज्वाइंट भी नहीं जोडे गये है। जबकि पाईप लाईन दबाने के नाम पर गांव के पूरे रास्ते खोद दिये गये हैं।
गांव मुंढ़ेता के सरपंच सद्दाम हुसैन, याहया खान ने बताया कि उनके गांव को पीने के पानी से करीब 20 साल पहले काटपुरी गांव से जोड़ा गया था। वह पानी एक के केवल एक ही मोहल्ले को आ रहा हैं जबकि गांव के दो तिहाई हिस्सा को आज भी पीने का पानी नहीं मिल रहा है। उसके बाद करीब 15 साल पहले गांव को पानी पहुंचाने के लिए खानपुर घाटी से जोड़ा था। वाटर चैंबर तो बदा दिया लेकिन 15 साल से आज तक उसमें एक बंूद पानी तक नहीं आया है।
गांव के लोगों का कहना है कि करीब दो साल पहले उनके गांव को रैनीवेल से जोडने की योजना के तहत गांव में वाटर चैंबर बनाया था। इसमें भी आज तक पानी नहीं आया हैं। विभाग के ठेकेदारों ने गांव के अंदर पाइप लाईन भी अधूरी बिछाई है। उनके र्ज्वाइंट भी नहीं जोडे गये है। जबकि पाईप लाईन दबाने के नाम पर गांव के पूरे रास्ते खोद दिये गये हैं।
गांव की खातुनी, समीना, सबीना, रूबीना आदि महिलाओं का कहना है कि पहले वे गांव के ही कुओं से पानी भरकर अपना गुजारा करती थी लेकिन गांव में जमीनी पानी खारा होने की वजह से उनको मजबूर होकर करीब तीन किलोमीटर दूर षाहचौखा गांव से पीने का पानी लाना पड़ता हैं। इस दौरान कई मनचले महिला और लडकियों को छेड़ने का काम भी करते हैं। उन्होने चेतावनी देते हुऐ कहा अगर जल्द पानी की समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वे रोड जाम करने को मजबूर होंगी।
क्या कहते हैं अधिकारी
जनस्वास्थ्य विभाग के उपमंडल अभियंता त्रिलोक मंगला ने बताया कि गांव के लोगों की समस्या उनके संज्ञान में हैं। वाटर चैंबर जल्द बिजली का ट्रांसफार्मर रख दिया जायेगा तथा गांव में बिछी पाईप लाईने जोड दी जायेंगी और नाई पाइप लाइन बिछाई जायेगी। जल्द ही लोगों को पीने के पानी की समस्या से निजात दिला दी जायेगी।
फोटो-गांव मुढ़ेता में पानी चैंबर पर मटका फोड़ प्रदर्षन करती महिलाएं और ग्रामीण
Author: Khabarhaq
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