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महात्मा गांधी के विचार कभी मर नहीं सकते : महताब अहमद

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महात्मा गांधी के विचार कभी मर नहीं सकते : महताब अहमद
यूनुस अलवी
नूंह
पीसीसी सदस्य चौधरी महताब अहमद की अध्यक्षता में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के शहीद दिवस पर सोमवार को जिला कांग्रेस मुख्यालय नूंह पर गांधी की 75 वीं पुण्यतिथी पर खिराजे अकीदत पेश की गई। कांग्रेस कार्यकर्तओं व पदाधिकारियों ने राष्ट्र पिता को याद करते हुए उनके जीवन पर प्रकाश डाला।
बता दें कि 30 जनवरी साल 1948 यहीं वो दिन था, जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की नाथूराम गोडसे ने हत्या कर दी थी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को शहीद दिवस के रुप में भी मनाया जाता है।
कांग्रेस नेता महताब अहमद ने बताया कि मोहन दास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। महात्मा गांधी ने इंग्लैंड में अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की थी। हालांकि, देश में हो रहे अत्याचारों को देख वह ब्रिटिश शासन के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बन गए। उन्होंने भारत की आजादी में बेहद अहम भूमिका निभाई थी। हालांकि, देश के आजाद होने के कुछ ही महीनों बाद उनकी हत्या कर दी गई थी।
महताब अहमद ने कहा की जब महात्मा गांधी को गोली मारी गई थी, तब उनके मुख से निकलने वाले अंतिम शब्द ‘हे राम’ थे। पूरी दुनियाभर में उनकी अहिंसा की नीति को सराहा जाता रहा है और उनके विचार समाज के लिए आईना दिखाने का प्रभाव रखते हैं। शांतिपूर्ण आंदोलन, प्रेम-भाईचारा भारत को बापू से विरासत में मिला था। उन के विचारों को अपनाकर उन पर चलाना ही गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
चौधरी महताब अहमद ने कहा कि भारत के महान आदर्शों से पूरी दुनिया को रूबरू कराने वाले एवं सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर सभी को ये तय करना चाहिए कि भारत में गोडसे की विचारधारा को बढावा देने की कोशिश कर रहे लोगों का पुरजोर विरोध किया जाएगा।
महताब अहमद ने बताया कि मेवात से गांधी जी का जुड़ाव व लगाव रहा है, मेवात के लोगों को सुरक्षा की गारंटी खुद गांधी ने दी थी जिसके पश्चात लाखों मुसलमान पाकिस्तान नहीं गए थे। लेकिन महताब अहमद ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि गांधी की धरती मेवात में कुछ लोग गोडसे की विचारधारा को बढावा दे रहे हैं लेकिन मेवात में सिर्फ गांधी की विचारधारा ही पनपेगी।
इस दौरान कांग्रेस की सभी इकाईयों के पदाधिकारियों के अलावा शरीफ अड़बर पीसीसी सदस्य, असरफ सरपंच घासेड़ा, आमिल चेयरमैन सालाहेड़ी, मदन तंवर, नईम इकबाल फिरोजपुर नमक, अख्तर चंदैनी, बिजेंद्र ठेकेदार उजिना, शोराब सरपंच मालब, वहीद सलम्बा, नजाकत सरपंच रेहना, जक्की सलम्बा, हाजी इल्यास सलम्बा, हाजी इल्यास सालाहेड़ी, अजमत सरपंच दिहाना, शरीफ उर्फ रुब्बड़ निदामपुर, हाजी जुम्मा सालाहेड़ी, रहमान बुराका, हाजी बसीर सालाहेड़ी, इखलास नूह, हाजी मुबीन सालाहेड़ी, असरु सालाहेड़ी, वहीद सालाहेड़ी, तुफैल सलम्बा, मुस्ताक घासेड़ा, हमीद अलावलपुर, शमीम रहनिया, अल्ताफ डीके, इरसाद सालाहेड़ी, तौफीक रायपुरी, जुबैर घासेड़ा, साजिद रमजान सलम्बा व अन्य कांग्रेस जन मौजूद रहे।
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