मेवात के चर्चित आसिफ उर्फ़ सद्दू मर्डर केस ( खेड़ा खलीलपुर ) में एक आरोपी रोहित की ज़मानत याचिका आज अतिरिक्त सेशन जज कोर्ट नंबर 2 ( श्री संदीप दुग्गल ) द्वारा ख़ारिज हुई.
यूनुस अलवी
नूंह/मेवात
अदालत के समक्ष पीड़ित पक्ष की ओर से उनके अधिवक्ता जनाब ताहिर रूपाड़िया और मोहम्मद आरिफ़ ने पैरवी की. उन्होंने अपनी दलील में कहा कि आरोपी ने अन्य आरोपियों के साथ साजिश रचकर विधि विरुद्ध जमाव किया. आरोपी का नाम प्रथम सूचना रिपोर्ट में यद्यपि नहीं है लेकिन 2 घायलों के अलावा दो अन्य चश्मदीद गवाहों के बयान में (यानि कुल 4 गवाहों ने ) आरोपी को अपराध में शामिल बताया है. स्वयं आरोपी ने दोनों घटना स्थल के बारे में निशानदेही की. वह स्थान जहाँ पर मारपीट करके हत्या के इरादे से अपहरण करके आसिफ को (मार पीट उपरांत ) गाडी में डालकर मुल्जिमान ले गये और फिर दूसरी जगह जहाँ पर आसिफ को मुल्जिमान ने आसिफ को दोबारा मारा पीटा गया और हत्या करके उसकी लाश को डाल दिया गया , उन दोनों स्थानों की निशान देही मुल्जिम रोहित ने की है.इतना ही नहीं रोहित ने अपने खुलासे में अपनी आपराधिक भूमिका को उगला है और एक डंडा बांस जिससे आसिफ को मारा व पीटा गया व घातक चोटें पहुंचाई गयीं, को भी बरामद कराया है. अन्य आरोपियों ने भी अपने अपने खुलासों में ( जिनमें उन्होंने बरामदगी भी कराई है ) आरोपी रोहित की भी आपराधिक भूमिका बताई है.
यह केस सेक्शन 149 IPS (सहपाठित सेक्शन 302) का है जिसके तहत घटना स्थल पर सभी उपस्थित मुल्जिमान को एक समान सज़ा का पात्र माना जाता है भले ही उनकी भूमिका अलग अलग हो. उनकी सिर्फ मौजूदगी होना ही उनकी अपराध में शामिल माने जाने के लिए पर्याप्त सबूत है. पहले अपहरण करने और फिर दूसरे स्थल पर हत्या करने के पर्याप्त साक्ष्य हैं. मृतक के अंतिम बार साथ साथ देखा जाना भी एक बड़ा साक्ष्य है.
मामले में एक अन्य आरोपी गुलशन की मृत्यु हो गयी है जो धारा 216 के अंतर्गत आरोपी था और ज़मानत पर था.
आगामी 13 जुलाई साक्ष्य हेतू तारीख नीयत है.
असद हयात
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