सेवइयां खाने से मौत के शिकार हुए चार बच्चों के परिजनों को सीएम ने किया 8 लाख रुपए की आर्थिक मदद का एलान
-सीएम का धन्यवाद के साथ पीड़ित परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने की मांग
-मृतक चार बच्चों में तीन आरिफ के बच्चे हैं।
फोटो–मंगलवार को चौथे बच्चे सना की मृत्यु के बाद गमगीन बैठे परिवार के सदस्य
यूनुस अलवी
पुन्हाना/रानिका
सेवइयां खाने से बीमार हुए परिवार की मदद को सीएम मनोहर लाल आगे आए हैं। मुख्यमंत्री ने मृतक चार बच्चों के परिजनों को आठ लाख रुपये की आर्थिक मदद देने और बीमारों को सरकारी खर्चे पर इलाज करने की घोषणा की है।
पीड़ित परिवार ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा परिवार की आर्थिक मदद करने का धन्यवाद तो किया है साथ ही आरिफ के तीन बच्चों की मृत्यु हो जाने और पत्नी की गंभीर हालत होने पर उसको सरकारी नौकरी देने की मांग की है।
गांव रानीका निवासी हबीब खान और नसरुद्दीन ने बताया कि उनके परिवार के ही हारून के 12 सदस्यों ने घर में ही बनाई सेवइयां को शनिवार को करीब 11 बजे खा लिया था। सेवइयों के खाने से परिवार के 12 लोगों बीमार हो गए। जिनमें से असद पुत्र आरिफ 8 साल, अबुजर पुत्र आरिफ 10 साल, सना पुत्री आरिफ 4 साल और रोमान पुत्र ष्षौकीन 11 साल की तीन दिन में मौत हो गई जबकि मुकीम 28 साल, मोहम्मद जैद 19 साल, जरीना 62 साल, रूकसाना 30 साल, बसमीना 25 साल, उजमा 20 साल, सोहल 15 साल और जारा एक वर्ष सहित 8 सदस्य शहीद हसन खां मेडिकल कॉलेज में उपचाराधीन हैं जिनमें से चार की हालत नाजुक बनी हुई है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को सीएम मनोहर लाल ने फिरोजपुर झिरका अनाज मंडी में हुई रैली को संबोधित करते हुए चार मृतक बच्चों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए कुल 8 लाख रुपए आर्थिक मदद का ऐलान किया। इसके अलावा सभी बीमार लोगों का मुफ्त इलाज करने का ऐलान भी किया।
आरिफ की तीसरी लडकी सना की सोमवार रात को मौत हो गई थी। मंगलवार को उसके गांव के कब्रिस्तान में अन्य बच्चों के साथ सुपुर्द ए खाक कर दिया गया। अकेले आरिफ के बेटे असद, अबुजर और बेटी सना की मृत्यु हो चुकी है। जबकि पत्नी की हालत नाजुक बनी हुई है। वहीं आरिफ के दो लडके घटना के समय घर पर नहीं थे जिससे वे इस हादसे से बच गये। वहीं रोमाना आरिफ का भांजा है जो अपने मामा-नाना के यहां आया हुआ था। परिवार के लोगों से मुख्यमंत्री से मांग की है कि आरिफ के तीन बच्चों की मौत हुई है तथा वह बेरोजगार है। उसे सरकारी नौकरी दी जाए जिससे वह अपने परिवार को गुजारा कर सके।
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