चैत्र मास 84 कोस परिक्रमा शुरू लेकिन प्रशासन की तरफ से नहीं हैं पर्याप्त सुविधाएं
–बीमार श्रद्धालु मरीजों का इलाज का नहीं है पर्याप्त इंतजाम, दवाइयां भी नहीं हैं
–रास्ते भी उबड़खाबड़, श्रद्धालुओं को हो रही है परेषानी
–नूंह जिला के बिछौर, नीमका सहित कई गांवों से गुजरती है 84 कोस परिक्रमा
–हर साल लाखों श्रद्धालु करते हैं 84 कोस की परिक्रमा
–मेवात का पुन्हाना क्षेत्र बृज की 84 कोस परिक्रमा में आता है
यूनुस अलवी मेवात
18 जुलाई से चैत्र मास की 84 कोस परिक्रमा शुरू हो चुकी है जो 16 अगस्त तक जारी रहेगी। मेवात का पुन्हाना इलाका बृज 84 कोस में आने की वजह से खंड के बिछौर, नीमका सहित कई गावों से यह 84 कोस की परिक्रमा गुजरती है।
हर साल लाखांे श्रद्धालु 84 कोस की परिक्रमा करते हैं। इस परिक्रमा के रास्ते और सड़क ठीक न होने के चलते श्रद्धालुओं को भारी परेषानी का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं पैदल चलते समय श्रद्धालुओं के पैरों में काफी चोटें लग जाती है या फिर वे बीमार हो जाते हैं ऐसे में प्रशासन की तरफ से प्रयाप्त सुविधाये मुहैया ने होने से श्रद्धालुओं में सरकार और प्रशासन के प्रति काफी नाराजगी है।
दो-तीन दिन पहले भी मध्यप्रदेश के आई महिला श्रद्धालु की काफी तबीयत खराब हो गई थी लेकिन अस्पताल में डॉक्टर ने होने की वजह से उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पडा।
गांव बिछोर के राजीव प्रजापत का कहना है कि जब श्रद्धालु महिला की तबीयत खराब हुई थी तब वह मौके पर ही मौजूद था। उसने रात को ही डीसी और एसडीएम को इस बारे में अवगत कराया था। उनका कहना है कि उसके बाद ही समस्या का समाधान हो सका।
उत्तर प्रदेश के जिला एटा के गांव जरानी कला हसनपुर की रहने वाली पुष्पा देवी का कहना है कि उसके पूरे बदन में दर्ज है उसे केवल एक गोली दी जिससे कोई फायदा नहीं हुआ। डॉक्टर के पास गई तो उसने भी न तो कोई मदद और न ही कोई जांच की। वे गरीब आदमी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार तो दवाई देती है लेकिन कर्मचारी खा जाते है।
शत्रुध्न पांडे, बंसीलाल, अजय प्रेम जैन, पंडित हरीश चंद्र शास्त्री, राजेंद्र, भगवानसिंह, सहित अन्य लोगों ने बताया कि 84 कोस परिक्रमा के दौरान बिछौर के प्राचीन लक्ष्मण जी मंदिर पर रात के समय लाखों श्रद्धालु विश्राम करते हैं जिनके लिए प्रसाद की व्यवस्था भी गांव समाज के द्वारा की जाती है। अभी तो परिक्रमा शुरू हुई है आने वाले कुछ दिनों बाद भीड़ अधिक होगी। यहां पर डॉक्टरों की प्रयाप्त सुविधा नहीं है। श्रद्धालुओं को जांच के लिए कोई प्रशिक्षित डॉक्टर नहीं है और ना ही उनके पास पर्याप्त दवाइयां उपलब्ध हैं।
श्रद्धालुओं का कहना है कि 84 कोस परिक्रमा का रास्ता काफी खराब है जो मेवात और पलवल जिला के दो दर्जन गांवों से गुजरता है। अगर कोई श्रद्धालु दंडवत परिक्रमा करना चाहे तो वह रास्ता खराब होने के कारण नहीं कर सकता है। हरियाणा सरकार को चाहिए की 84 कोस रास्ते को चौड़ा और अच्छा बनाया जाए जिससे श्रद्धालु आसानी से अपनी परिक्रमा पूरी कर सकें।
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