राजस्थान के अलवर में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे (M.A B.Ed ) छात्र गोविंदगढ़ थाना क्षेत्र के टिकरी गांव के सैकुल नाम के युवक की पुलिस हिरासत में मौत
फरीदाबाद पुलिस ने साइबर फरोड़ के शक में अलवर से 19 जुलाई को हिरासत में लिया,
:पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड के दौरान सैकुल की हालत खराब हो गई जिसकी रविवार को मौत हो गई।
मृतक शेकूल की 6 माह पहले ही शादी हुई थी।
यूनुस अलवी मेवात
राजस्थान के अलवर में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे (M.A B.Ed ) छात्र गोविंदगढ़ थाना क्षेत्र के टिकरी गांव के सैकुल नाम के युवक को फरीदाबाद पुलिस ने साइबर फरोड़ के शक में अलवर से 19 जुलाई को हिरासत में लिया और पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड के दौरान सैकुल की हालत खराब हो गई जिसकी रविवार को मौत हो गई। मृतक शेकूल की 6 माह पहले ही शादी हुई थी।
सेकुल के शव को फरीदाबाद के बीके हॉस्पिटल में पोस्टमार्टम के लिए रखवाया गया है मृतक के परिजनों का आरोप है की सैकुल के ऊपर किसी भी किसम का कोई मुकदमा दर्ज नही था। उसके बावजूद भी पुलिस ने सेकुल को थर्ड डिग्री दी गई जिससे उसकी मौत हुई है। पीड़ित परिवार का आरोप है की शैकुल को फ़रीदाबाद सीआईए पुलिस ने 19 जुलाई को देर रात ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से उठा लिया था। पीड़ितो के अनुसार जिस आरोपी को पुलिस ने उठाना था , वो तो भाग गया। उसके साथ होने से पुलिस शेकुल को ही उठा कर ले गई। पीड़ित परिवार का कहना है की जब तक आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नही होता वे शव को नही लेंगे। अब शव का पोस्टमार्टम सोमवार को होगा। वही तावडू से बसपा नेता चौधरी जावेद ने कहा के हजारों की संख्या में लोग सोमवार को फरीदाबाद पहुंच कर मृतक शेकूल को इंसाफ मागेंगे और शेकुल की हत्या में शामिल आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर उनकी गिरफ्तारी की मांग की जाएगी।
आपको बता दे की फरीदाबाद पुलिस का यह पहला मामला नहीं है बल्कि पिछले साल भी सीआईए फ़रीदाबाद पुलिस ने नूंह जिला के थाना पुनहाना के गांव जमालगढ़ के निर्दोष जुनैद को भी दूसरे आरोपियों के चक्कर में उठा लिया था बाद में चोटों के कारण जुनेद की हालत खराब होने के बाद उसकी मौत हो गई थी तब मेवात के हजारों लोगो ने जमकर विरोध प्रर्दशन किया और मजबूर होकर बिछोर थाने में सीआइए फरीदाबाद पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुक़दमा दर्ज हुआ था। विरोध करने पर पुलिस ने कई लोगो पर सरकारी जिप्सी जलाने सहित अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर कई लोगो को गिरफ्तार किया था। ये दीगर बात है आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज हत्या के मामले को बाद में रफदाफा कर दिया गया। वैसे मामला अभी अदालत में चल रहा है।
इलाके के लोगो ने
राजस्थान रामगढ़ से कांग्रेस विधायक सफ़िया ख़ान से मांग की है की वह इस मामले को मज़बूती से उठाकर फरीदाबाद पुलिस की कस्टडी में सैकूल की मौत होने पर फरीदाबाद पुलिस के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कराने और पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए आगे आना चाहिए।
इलाके के लोगो का कहना है की आज फिर एक निर्दोष मेवाती युवक पुलिस की भेट चढ गया, भले ही वह गुनहगार था या नही बस उसकी गलती सिर्फ इतनी थी कि वो मुसलमान था, नाम उसका सेकुल खान था जो टिकरी गोविंदगढ़ अलवर का रहने वाला था। शेकुल को 19 जुलाई को फरीदाबाद पुलिस उठाकर ले गई थी और रविवार सुबह पुलिस वालो ने पीड़ित परिवार को फोन करके बताया की आपका लड़का इंतकाल कर गया है। उसके बाद फरीदाबाद बीके अस्पताल के आसपास भरी संख्या में भीड़ जुटने लगी।
सूचना मिलते ही वरिष्ठ एडवोकेट एवम सामाजिक कार्यकर्ता रमजान चौधरी और बसपा नेता चौधरी जावेद सोहना भी फरीदाबाद पहुंच गए। उन्होंने कहा की पुलिस कस्टडी में सैकुल खान की हत्या हुई है। सैकुल खान फरीदाबाद पुलिस की 3 दिन के पुलिस रिमांड पर था। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने कई मामलों में कहा है कि पुलिस हिरासत में हत्या को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए और पुलिस हिरासत में हुई मौतों के ज़िम्मेदार पुलिस कर्मियों को सख़्त से सख़्त सज़ा मिलनी चाहिए।
पीड़ित परिवार को न्याय मिलना चाहिए।
वही खबर हक टीवी को समाचार लिखे जाने तक सीआइए फरीदाबाद पुलिस का पक्ष नही मिल सका है। जेसे ही पुलिस का पक्ष मिलेगा वह भी दर्शकों के सामने रखा जाएगा।
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