नूंह जिला के खंड फिरोजपुर झिरका में स्थाई बीडीपोओ की नियुक्ति न होने से उपमंडल की करीब 48 ग्राम पंचायतों के विकास कार्य ठप्प हो गए हैं,
यूनुस अलवी मेवात
वही सफाई कर्मी और ट्यूबवेल संचालकों को भी करीब 3 माह से वेतन नहीं मिल रहा है।
आरोप है की पिछले 10 महीने में एक भी पैसा का अधिकतर सरपंच अपने गांवो में कोई विकास कार्य नहीं करा सके है। जिसकी वजह से सरपंचों में सरकार के खिलाफ भारी रोष है। वही सरपंचों ने सरकार की कथनी और करनी में अंतर होने का आरोप लगाया।
आपको बता दें की हाल ही में फिरोजपुर झिरका ब्लॉक का तावडू के बीडीपीओ को अतिरिक्त चार्ज दिया गया है, जबकि बीडीपोओ सुरजीत के पास पहले से ही तावडू, नगीना और फारुख नगर के बीडीपीओ का अतिरिक्त चार्ज है।
फिरोजपुर झिरका उपमंडल के दर्जन भर से अधिक सरपंचो और सरपंच यूनियन एसोसिएशन के प्रधान साबिर रनियाला , उप प्रधान सरफराज भोंड, सौराब सरपंच फिरोजपुर ग्रामीण, आरिफ सरपंच माहोली, सावेद सरपंच खेड़ा, सेकुल सरपंच निहारिका ने आरोप लगाया की तकरीबन 10 महीने उन्हें सरपंच बने हो गए हैं। यहां पर किसी भी बीडीपोओ की स्थाई नियुक्ति नहीं हुई है। खंड में 48 ग्राम पंचायत है। लगभग 45 सरपंच नए जीत कर आए हैं। सरपंचों ने कहा कि गांव में रैनीवेल परियोजना के नाम पर जगह-जगह खोदी गई सड़कें वे रास्ते पूरी तरह खराब हो चुके है। बरसात के समय में इन जर्जर रास्तों में पानी भर जाने और गढ़े होने से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
वही दूसरी तरफ खंड विकास पंचायत अधिकारी की स्थाई नियुक्ति न होने के चलते खंड के सफाई कर्मी और ट्यूबवेल संचालकों का पिछले 3 महीने का वेतन नहीं मिला है। जिस कारण उन्हें भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।
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