डागर पाल ने किया सर्वजातीय हिन्दू महापंचायत का बहिष्कार
– डागर पाल के साथ रावत, सहरावत, चौहान व तेवतिया पाल ने भी सहमति जताते हुए बहिष्कार की बात कही है।
• पोंडरी महा पंचायत के खिलाफ जाट समाज के बहिष्कार ने पंचायत आयोजको में मचा हड़कंप
यूनुस अलवी मेवात:
आपको बता दे की नूंह हिंसा को लेकर नूंह- पलवल जिले की सीमा से सटे पोंडरी गांव में रविवार को हो रही सर्वजातीय हिंदू महापंचायत का डागर पाल की तरफ से पूर्ण बहिष्कार किया गया है। डागर पाल के इस निर्णय से महापंचायत को बड़ा धक्का लगा है। डागर पाल के बहिष्कार के साथ साथ रावत, सहरावत, चौहान व तेवतिया पाल के पंचों ने भी अपनी सहमति जताते हुए महापंचायत का बहिष्कार की बात कही है। जिसकी पुष्टि डागर पाल के प्रधान चौधरी धर्मबीर डागर ने की है।
यह निर्णय डागर पाल के बड़े गांव मंडकोला में पंचायत कर लिया गया। इस बारे में जानकारी देते हुए डागर पाल के प्रधान चौधरी धर्मबीर डागर ने बताया पाल और खापों का कर्तव्य समाज को जोड़ना होता है ना कि तोड़ना। यह जो महापंचायत की जा रही है इसमें विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल के लोग हैं। हम चाहते हैं कि अगर महापंचायत होती है तो उसमें हिंदू – मुस्लिम सभी लोग शामिल हो और आपसी भाईचारे और सौहार्द की बात करें । डागर
पाल एक तरफा कुछ संगठनों द्वारा की जा रही इस महापंचायत का पूर्ण रूप से बहिष्कार करते है।
उनका कहना है की नुहू व पलवल जिले के अंदर डागर पाल के 12 गांव हैं जिनके गावो में यह सूचना दे दी गई है। उन्होंने कहा कुछ लोग धार्मिक संगठनों का चोला पहनकर समाज को तोड़ना चाहते हैं जो बिल्कुल गलत है। मेवात में हिंदू मुस्लिम संस्कृति कई सौ साल पुरानी है और यहां अतीत में हिंदू मुस्लिम झगड़ा होने का कोई प्रमाण भी नहीं है। ऐसे में चंद बाहरी लोग यात्रा के जरिए आपसी भाईचारे को खराब करने की कोशिश करते हैं तो डागर पाल ऐसे लोगों के साथ नहीं है। उन्होंने बताया आज भी हिंदू मुस्लिम के गोत्र आपस में आज भी मिलते हैं। विवाह शादियों में पंच- पंचायत में एक- दूसरे के वहां आना-जाना है। ऐसे में अगर एक तरफ़ा पंचायत कर कोई निर्णय लिए जाता है तो वह गलत होगा। डागर पाल इस तरह के एकतरफा निर्णय के पक्ष में नहीं है। पाल और खापों का काम समाज को आगे बढाना आपसी भाईचारे को मजबूत करना है। इस महापंचायत में अगर किसी प्रकार का निर्णय लेना था तो उसमें दोनों समाज के लोगों को बुलाकर कोई निर्णय लिया जाना चाहिए था। धर्मबीर डागर ने बताया हमारे द्वारा निर्णय लेने के बाद उन्होंने तेवतिया, रावत, सहरावत व चौहान पाल के पंचों से भी बातचीत की हैं। इन पंचों ने कहा है कि जो निर्णय डागर पाल ने लिया है उनकी पाल के लोग भी महापंचयत का बहिष्कार करेंगे। धर्मवीर डागर ने कहा कि शोभा यात्रा निकालने से संबंधित फैसला लेना था तो दोनों पक्षों की पंचायत होती। जिसमे हिन्दू समाज इस यात्रा की जिम्मेदारी मुस्लिम समुदाय को देता। यात्रा भी निकलती और आपसी भाईचारा सौहार्द भी बढ़ता । लेकिन कुछ लोग इस धार्मिक यात्रा के जरिए अपनी राजनीति करना चाहते हैं।
कुल मिलाकर डागर पाल के साथ साथ तेवतिया, रावत, सहरावत व चौहान पाल के चौधरियों द्वारा महा पंचायत का बहिष्कार कर देने से रविवार को पौंडरी में होने वाली महा पंचायत को बड़ा झटका लगा है। अब ये तो आज यानी रविवार को होने वाली महा पंचायत के फैंसले के बाद ही सामने आ सकेगा की ये पंचायत आपसी भाईचारा कायम करने का निर्णीय लेती हे या फिर कोई एकतरफा फैसला करती है।
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