बड़ी खबर
-मेवात के करीब एक लाख 32 हजार गरीबों को सितंबर माह का नहीं मिला गेंहूं
-राज्य सरकार ने इस बार कुल मात्रा (ऐलोकेशन) का 12 फीसदी अनाज कम भेजा
-अनाज न मिलने से गरीब लोग डीपो धारक की अधिकारियों से कर रहे हैं शिकायत
-नूंह जिला में कुल 11 लाख 29 हजार 894 उपभोक्ता हैं
-जिला खाद्दय और आपूर्ति नियंत्रक (डीएफएससी) ने भी माना की इस बार अनाज 12 फीसदी कम आया है
फोटो–पिनगवां जिला खाद्दय और आपूर्ति विभाग कार्यालय पर डीपो धारकों की शिकायत करने पहुंचे कुछ लोग साथ में बेठे इंस्पेक्टर इरशाद खान
यूनुस अलवी
मेवात (नूंह)
राज्य सरकार द्वारा सितंबर माह में कुल मात्रा (ऐलोकेशन) का 12 फीसदी अनाज (गेंहूं ) कम भेजे जाने से नूंह जिला के करीब एक लाख 32 हजार 120 गरीब लोगों को सितंबर माह का गेंहूं नहीं मिला है। अनाज न मिलने से गरीब लोग डीपो धारकों की अधिकारियों से शिकायत कर रहे हैं। नूंह के जिला खाद्दय और आपूर्ति नियंत्रक (डीएफएससी) महेश यादव ने भी माना की इस बार 12 फीसदी गेंहू कम आया है, जिसकी वजह से काफी लोग अनाज से वंचित रहे गए हैं।
आपको बता दें कि नूंह जिला में कुल 11 लाख 29 हजार 894 उपभोक्ता हैं। जिनके लिए हर माह 55 हजार 53 क्विंटल 35 किलो अनाज आता है। इस बार हरियाणा सरकार द्वारा अनाज की कुल मात्रा (ऐलोकेशन) का 12 फीसदी गेहूं कम भेजने से 48 हजार 447 क्विंटल ही गेंहू जिले को मिला है। यानि की 6 हजार 606 क्विंटल कम गेंहू कम मिला है। सरकार गरीब परिवारों को प्रति यूनिट पांच किलो अनाज देती है। इस तरह 6 हजार 606 क्विंटल गेंहू कम मिलने से करीब एक लाख 32 हजार 120 उपभोक्ता सितंबर माह के राशन से वंचित रह गए हैं। गरीबों को राशन न मिलने से इस बारे गरीब लोग गांव के डिपो धारकों की शिकायत करने खाद्य और आपूर्ति विभाग कार्यालय पर पहुंच रहे हैं। अधिकारी भी इस बार कम अनाज आने की बात कह कर गरीब लोगों को वापिस भेज रहे हैं।
कुछ डीपो धारकों ने अपनी इस समस्या के बारे में अमर उजाला के साथ सांझा करते हुए बताया है। पिनगवां के डीपू धारक नारायण का कहना है कि उसे इस बार 12 क्विंटल, शहीद डीपो धारक को 10 क्विंटल, इकराम डीपो धारक को 18 क्विंटल, डूंगेजा के यूसुफ डीपो धारक को 25 क्विंटल, तेड़ के डीपो धारक जान मोहम्मद को 27 क्विंटल और जेतलका के असगर डीपो धारक को 14 क्विंटल सितंबर माह में गेहूं कम मिला है। इसी तरह नूंह जिला के सभी ड़िपो धारकों को पांच से 30 क्विंटल तक गेंहू कम मिला है। जिसकी वजह से गरीब लोगों को राशन न मिलने की समस्या से जूझना पड़ रहा है। डीपो धारकों का कहना है कि जब उनके पास गेंहू ही कम आया है तो वे सबको अनाज कैसे दे सकते हैं। जो पहले आ गया उसे अनाज मिल गया और जो पीछे रहा वह अनाज से वंचित रह गया। सभी को अनाज न मिलने की लोग उनको ही दोषी मानकर चल रहे है, जिसकी वजह से लोग उनकी अधिकारियों से शिकायत कर रहे हैं।
क्या कहते हैं डीएफएससी
नूंह के जिला खाद्य और आपूर्ति नियंत्रक (डीएफएससी) महेश यादव ने माना की इस बार 12 फीसदी गेहूं कम आया है, जिसकी वजह से काफी लोग अनाज से वंचित रहे गए हैं। उनका कहना है कि ये केवल मेवात ही नहीं पूरी हरियाणा में सितंबर माह का अनाज कम भेजा गया है। अनाज कम क्यों भेजा गया जब इस बारे में उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में उच्च अधिकारियों ने 12 फीसदी कम राशन भेजते हुए कोई कारण नहीं बताया है। इस बारे में तो प्रदेश के अधिकारी ही बता सकते हैं।
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