गांधी के विचारों से चलेगा मुल्क, गोडसे के विचारों का विरोध जरुरी:
यूनुस अलवी मेवात:
गांधी के विचारों से चलेगा मुल्क, गोडसे के विचारों का विरोध जरुरी: महताब अहमद मेवात कांग्रेस ने जिला कांग्रेस मुख्यालय नूंह पर सोमवार को गांधी जयंती के अवसर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद किया। पीसीसी सदस्य ऐडवोकेट महताब अहमद की अगुवाई में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राष्ट्र पिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को खिराज ए अकीदत पेश की। कांग्रेस नेता महताब अहमद ने कांग्रेस जनों को संबोधित करते हुए कहा कि देश की आजादी में सबसे महत्वपूर्ण योगदान निभाने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी व राष्ट्र पिता महात्मा गांधी का विश्व में आज भी ऐतिहासिक महत्व इसलिए है कि वो अहिंसा, त्याग, सत्य व ईमानदारी की मूर्त थे। महात्मा गांधी ने देश के हर वर्ग व धर्म के लोगों को साथ लेकर देश को आज़ादी दिलाई थी लेकिन कुछ नफ़रती लोगों ने उनकी हत्या कर दी थी। महताब अहमद ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री जी सच्चे गान्धीवादी थे जिन्होंने अपना जीवन गरीबों की सेवा में लगाया।भारतीय स्वाधीनता संग्राम के सभी महत्वपूर्ण आन्दोलनों में उनकी सक्रिय भागीदारी रही जिसके परिणामस्वरूप उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा। महताब अहमद ने कहा कि महात्मा गांधी के पूर्व भी शांति और अहिंसा के बारे में लोग जानते थे, परंतु उन्होंने जिस प्रकार सत्याग्रह, शांति व अहिंसा के रास्तों पर चलते हुए अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया, उसका कोई दूसरा उदाहरण विश्व इतिहास में देखने को नहीं मिलता। तभी संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी वर्ष 2007 से गांधी जयंती को ‘विश्व अहिंसा दिवस’ के रूप में मनाए जाने की घोषणा की। चौधरी महताब अहमद ने कहा कि मौजूदा समय में उन लोगों के पाखंड को भी बेनकाब करना होगा जो गांधीवादी प्रतीकों का इस्तेमाल तो करते हैं, लेकिन उनके विचारों पर चलना नहीं चाहते। ऐसे लोग गांधी के हत्यारे गोडसे के विचारों और कृत्यों का महिमामंडन भी करते हैं। महताब अहमद ने कहा कि इस गांधी जयंती पर हम सभी उन गांधीवादी संगठनों के साथ खड़े हों, जो उन ताकतों द्वारा घेर लिए गए हैं, जो न केवल जीवन भर महात्मा गांधी से लड़े, बल्कि जिन्होंने ऐसा माहौल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिसके कारण बापू की हत्या हुई। गोडसे के विचारों और कार्यों का महिमामंडन करने वाले लोग समाज में नफ़रत को बढाने व भाईचारे को खराब करने के पक्षधर लोग हैं। पीसीसी सदस्य महताब अहमद ने कहा कि आजादी के पश्चात बंटवारे के दौरान महात्मा गांधी ने मेवात के लोगों के लिए सकारात्मक कोशिश की थी और मेवातियों को देश की रीढ की हड्डी की संज्ञा तक दी थी। लेकिन कुछ मेवाती नेता आजकल गोडसे की विचार धारा को मेवात में प्रचार प्रसार करने में जुटे हैं, ऐसे नेताओं से भी सतर्क रहने की आवश्यकता है। महताब अहमद ने कहा कि मेवात की सरजमीं गांधी विचारधारा की धरती है यहां सिर्फ भाईचारा फलता फूलता है और नफरत यहां सदैव हारी है। इस दौरान पीसीसी डेलीगेट शरीफ अड़बर, आमिल चेयरमैन, प्रवीण चेयरमैन इंडरी, असरफ सरपंच घासेड़ा, साजिद सरपंच सलम्बा, मास्टर जमील सरपंच टाई, संजय खांन सरपंच बेंसी, यूनुस सरपंच कोटला, आस मोहम्मद सरपंच रेवासन, जककी सलम्बा, बिजेंद्र उजीना, सुरेंद्र उर्फ मंत्री आकेड़ा, हसीन राईपुरी, अखतर चंदेनी, पप्पू नुहं, हसन नोसेरा, साकिर ब्लॉक मेंबर नंगली, उमरी खेड़ा, मुबीन नंगली, आसिफ चंदेनी, अजीज नंबरदार आकेड़ा, लियाकत साहलाहेड़ी, मुसब्बर केराका, अब्बास जयसिंहपुरा , रशीद आकेड़ा, अल्ताफ़ डीके धांधूका, आबिद बाई, शमीम चंदेनी, आफाक सालाहेड़ी आदि मौजूद थे।
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