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अखिल भारतीय शहिदाने सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मेवात के प्रमुख समाज सेवी सरफुद्दीन मेवाती रूपडाका का निधन

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• मेवात के प्रमुख समाज सेवी सरफुद्दीन मेवाती का निधन
• 1982 में अखिल भारतीय शहिदाने सभा बनाकर मेवात के हजारों शहीदों के नाम सामने लेकर आए
• मेवात के राजनैतिक व सामाजिक लोगों ने सरफुद्दीन के निधन पर दुख प्रकट किया

यूनुस अलवी
हथीन/मेवात

अखिल भारतीय शहीदाने मेवात सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मेवात के प्रमुख समाज सेवी सरफुद्दीन मेवाती का रविवार को निधन हो गया। उनके निधन पर मेवात के सामाजिक , राजनैतिक व बुद्धिजीवियों ने गहरा दुख प्रकट किया।
मेवात ही नहीं, देश ने एक सच्चे समर्पित और संघर्षील समाजसुधारक को खो दिया है। उनकी कमी अपूरणीय है। मेवात और मुल्क के युवाओं को उनके जीवन से प्रेरणा लेकर समाजसेवा करनी चाहिए। सरफुद्दीन खान मेवाती ने अपना पूरा जीवन समाजसेवा में लगा दिया उन्होंने अखिल भारतीय शहीदाने मेवात सभा सहित कई सामाजिक संगठनों के माध्यम से देश के अमर शहीदों के साथ साथ गरीबों, किसानों, दलितों, मजदूरों और शोषितों सहित सभी वर्गों के लिए काम किया। उनकी मौत की खबर से पूरे मेवात और देश में गहरा दुख पहुंचा है।

सरफुद्दीन मेवाती ने 1982 से शहीदाने मेवात सभा का गठन कर मेवात और हरियाणा के वीर शहीदों की खोज कर उनको लोगो के सामने लाने का काम किया है। वह 1982 से ही अखिल भारतीय शहीदाने सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर कार्य कर रहे थे।


उन्होंने मेवात में हमेशा शांति भाईचारे व एकता की मिशाल कायम की। पिछले दो दिनों से सरफुद्दीन मेवाती बुखार से पीडि़त थे। बुखार के चलते उसकी प्लेटलेट्स कम होने के कारण अलवर इलाज के लिए ले जाते समय रास्ते में उनका निधन हो गया। देर सांय को उनके पैतृक गांव रुपडाका में उन्हें सुपुर्द के खाक किया जाएगा।
68 वर्षीय सरफुद्दीन मेवाती पिछले 40 वर्षों से समाज सेवा के कार्यों में लगे हुए थे। 1982 में उन्होंने अखिल भारतीय शहीदाने मेवात सभा का गठन किया। सभा के माध्यम ये उन्होंने देश की आजादी में बलिदानियों की याद में रुपडाका व मेवात के अन्य गांवों में शहीदी मीनारें बनवाने का कार्य किया। उनके इस संगठन में 36 बिरादरी के लोग जुड़े हुए थे। आपसी भाईचारे व प्यार तथा अमन शांति के पक्षधर रहे। सरफुद्दीन मेवाती हमेशा सामाजिक बुराईयों के खिलाफ लड़ते रहे। दहेज प्रथा, नशा खोरी, अशिक्षा की लड़ाई उन्होंने 40 वर्ष के दौरान लड़कर लोगों को जागृति करने का काम किया। उसके संगठन में दोनों समुदाय के लोग काम करते थे।
उनके निधन पर हथीन के विधायक प्रवीण डागर, कांग्रेसी नेता इसराइल चौधरी, इनेलो नेता तैैयब भीमसीका, पूर्व मंत्री हर्ष कुमार, पूर्व विधायक केहर सिंह रावत, नूंह बार के पूर्व प्रधान ताहिर हुसैन रुपड़िया, एडवोकेट खलील अहमद रुपड़िया, समाज सेवी शाहमुद्दीन खां, सुभाष फिरोजपुर राजपूत, चौधरी रफीक अहमद एडवोकेट, प्रभु दयाल आर्य, शौकत अली, पूर्व जिला पार्षद और पत्रकार यूनुस अल्वी, शौकत आजाद, जिला पार्षद साबिर खान, डा असगर हुसैन, कर्नल राजेंद्र रावत, शिव सिंह रावत, मोहम्मद हारून , पूर्व पंचायत समिति चेयरमैन जाकिर हुसैन, असलम इकबाल चेयरमैन पंचायत समिति, नरेश चौधरी, नपा पूर्व चेयरमैन राजबीर, पूर्व चेयरमैन सुमित राजपूत, उदय चंद, सोमदेव, मोहन सिंह, भगत सिंह, अमी खां, जाकिर हुसैन पूर्व सरपंच, इशा खान पूर्व सरपंच के अलावा पत्रकार व बुद्धिजीवियों ने दुख प्रकट किया है।

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Author: Khabarhaq

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