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भाजपा का दलित प्रेम ढकोसला, सफाई कर्मचारियों का शोषण करने पर उतारू है सरकार:सीटू

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*भाजपा का दलित प्रेम ढकोसला, सफाई कर्मचारियों का शोषण करने पर उतारू है सरकार:सीटू*

यूनुस अलवी मेवात:

पिछले 43 दिन से आंदोलन कर रहे ग्रामीण सफाई कर्मचारियों और नगर निगम के सफाई कर्मियों ने संयुक्त रूप से आज जिला उपायुक्त कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन शोंपा और वार्ता के माध्यम से मसलों का समाधान करने की मांग की गई। प्रदर्शन का नेतृत्व नगर पालिका कर्मचारी संघ के प्रधान बसन्त कुमार, ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन की सचिव बिमलेश, पुनम, सतबीर, छाजूराम, प्रदीप कुमार ने किया।

प्रदर्शनकारी सफाई कर्मियों को सम्बोधित करते हुए सीटू राज्य उपाध्यक्ष सतबीर सिंह, जनवादी महिला समिति की महासचिव उषा सरोहा ने कहा कि ग्रामीण सफाई कर्मचारी मानदेय पर काम करते हुए पिछले 17 साल के शोषण और बेगार की मार झेल रहे हैं। ये कर्मचारी जब अपने हकों और माँगों को लेकर संघर्ष रहे हैं तो सरकार आंदोलकारियों के साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार करते हुए आंदोलनकारियों से वार्ता ना करके कर्मचारियों की आवाज़ को ही दबाना चाहती है।

उन्होंने कहा कि सफाई का काम करने वाले 100 प्रतिशत दलित समुदाय से आने वाला दबका है। इन दलित सफाई कर्मियों की भावनाओं के साथ खेलते हुए 2014 और 2019 में भाजपा ने वोट तो ले लिया लेकिन पक्का करने का वायदा आज तक पूरा नहीं किया और ना ही समान वेतन देने की गारंटी को लागू किया। यूनियन नेताओं ने कहा कि कोरोना काल में जब कोई भी घर से बाहर निकलने को तैयार नहीं था तब भी सफाई कर्मियों ने अपनी जीवन की परवाह किये बिना समाज की सेवा की और कोरोना से मौत होने वालों का अंतिम संस्कार तक किया। उस समय सरकार ने कोरोना योद्धा बताकर फूल बरसाए और आज इनके साथ वार्ता करने में भी अपनी तौहीन समझती है। इससे भाजपा के दलित प्रेम का पता चल जाता है कि वो कितना प्रेम दलितों से करती है।

कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सरकार की हठधर्मिता इतनी गहरी है कि आज तक भी फरुखनगर और पटौदी के सफाई कर्मियों को अक्तूबर का वेतन तक नही दिया गया, जबकि पूरे हरियाणा में वेतन भुगतना हो गया। उन्होंने कहा कि सरकार के रुख को देखते हुए ग्रामीण सफाई कर्मचारी पिछले 43 दिन से हड़ताल पर हैं। जिसके कारण गाँवों गन्दगी के ढेर में बदलते जा रहे हैं। सरकार को ना गाँव वालों की चिंता है तो सफाई कर्मियों की। सरकार के उपेक्षापूर्ण रुख को देखते हुए अब ये *राज्यव्यापी हड़ताल को 1 दिसम्बर तक जारी रहेगी है और हजारो सफाई कर्मचारी 28-29 नवम्बर को पंचकूला में महापड़ाव डालते हुए आंदोलन को तेज करेंगें।

आज के प्रदर्शन को यूनियन के आदि नेताओं ने सम्बोधित किया।

जारीकर्ता

बिमलेश, जिला सचिव

 

*मुख्य मांगें*

● विधान सभा मे पॉलिसी बनाकर सफाई कर्मियों को पक्का किया जाए।

● सभी ग्रामीण सफाई कर्मियों को बीडीपीओ के पे-रोल पर लिया जाए।

● हरियाणा रोजगार कौशल निगम को भंग किया जाए और सफाई कर्मियों को पक्का किया जाए।

● सभी सफाई कर्मियों के लिए 26000 रुपये मासिक न्यूनतम वेतन लागू किया जाए।

● 2000 की बजाए 400 की आबादी पर एक कर्मचारी की स्थाई नियुक्ति करते हुए सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए।

● सफाई कर्मचारी की सेवानिवृत्ति पर 10 लाख रुपये एक मुश्त सहायता प्रदान की जाए।

● डोर टू डोर के कर्मचारियों को ग्रामीण सफाई कर्मियों के बराबर वेतन व वर्दी भत्ता दिया जाए और पीएफ ईएसआई में कवि किया जाए।

● 1000 रुपये वर्दी धुलाई भत्ता और 2000 रुपये औजारों का भत्ता 2023 का भुगतान किया जाए।

● एक्ससग्रेसिया नीति के तहत परिवार के सदस्य को काम पर रखा जाए तथा मुख्यमंत्री कि घोषणा अनुसार 4 अप्रैल 2021 के बाद जिन कर्मियों की मृत्यु हो चुकी उन सभी कर्मियों को मुआवजा राशि का भुगतान किया जाए।

● दिवाली पर बोनस और कर्मचारियों के बच्चों की पढ़ाई के लिए शिक्षा भत्ता लागू किया जाए।

● सौ-सौ गज के प्लाट और मकान बनाने के लिए अनुदान दिया जाए।

● बेगार से बचाने के लिए काम की देखरेख के लिए सफाई कर्मियों में से पढ़े लिखे लोगों को सुपरवाइज लगाया जाए।

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Author: Khabarhaq

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