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किसान मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड के तहत कराए मिट्टी की जांच : उपायुक्त*

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*किसान मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड के तहत कराए मिट्टी की जांच : उपायुक्त*

 

*उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने किसानों से मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाने का किया आह्वान*

 

यूनुस अलवी 

नूंह, 

उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने बताया कि सरकार द्वारा किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए अनेक योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं, जिनमें कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के माध्यम से चलाई जा रही मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना भी है। इस योजना का उद्देश्य मिट्टी की उर्वरता, संरचना एवं सेहत को बढ़ाता है, जिस वजह से मिट्टी की कृषि उत्पादकता लगातार बनी रहती है। मृदा में होने वाले कटाव, पोषक तत्वों की कमी एवं मृदा के क्षरण को कम करके किसान उच्च गुणवत्ता वाली फसलों की पैदावार कर पाते हैं। इस योजना के अंतर्गत एक कार्ड दिया जाता है, जिसके माध्यम से किसान अपने खेत की जमीन की मिट्टी का प्रकार जान सकता है। यदि किसानों को अपने खेत की मिट्टी का प्रकार पता होगा तो उन्हें मिट्टी की गुणवत्ता के अनुसार फसल लगाने में आसानी होगी और अच्छी खेती की जा सकेगी एवं ज्यादा मुनाफा प्राप्त किया जा सकेगा।

उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने बताया कि सरकार की ओर से स्वस्थ धरा-खेत हरा के नारा के साथ मृदा स्वास्थ्य कार्ड (सॉइल हेल्थ कार्ड) स्कीम की शुरुआत की गई थी। इस योजना के अंतर्गत जो सॉइल हेल्थ कार्ड किसानों को प्रदान किया जाता है उसमें किसानों को अपने खेत के अनुसार फसल लगाने के सुझाव भी प्रदान किए जाते हैं। इस कार्ड के माध्यम से किसानों को यह भी जानकारी प्रदान की जाती है कि मिट्टी के अंदर कितनी मात्रा में क्या चीज है एवं किस फसल के लिए कितनी खाद और कौन सी खाद का उपयोग किया जाए। भारत में कुल आठ प्रकार की मिट्टी पाई जाती है, जिनकी उर्वरक क्षमता अलग-अलग है। इसमें जलोढ़ मिट्टी, काली मिट्टी, लाल और पीली मिट्टी, जंगली मिट्टी, मरू मिट्टी, लैटेराइट मिट्टी, नमकीन मिट्टी और पीट मिट्टी शामिल है। उन्होंने बताया कि किसान अपने नजदीकी कृषि विभाग अर्थात मृदा स्वास्थ्य परीक्षण केंद्र पर मिट्टी के सैंपल को जमा करवा दें। कुछ समय बाद मृदा स्वास्थ्य प्रशिक्षण कार्ड किसान को उपलब्ध करा दिया जाता है। उन्होंने बताया कि मृदा वैज्ञानिक अनुसार मिट्टी में कुल 16 पोषक तत्व होते है, जो कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सल्फर, जिंक, आयरन, कॉपर, बोरान, मैगनीज, मोलिब्डेनम, क्लोरीन है। उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि वे सरकार की मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।——–

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