*मेवात का चर्चित 25 करोड़ रुपए का गबन कांड*
• रोज़का मेव पंचायत में 25 करोड़ गबन में अहम भूमिका निभाने के आरोपी। नसीम को अदालत से मिली जमानत
• आरोपी नसीम को 10 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था
• अबतक नूंह पुलिस तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
यूनुस अलवी
नूंह,
नूंह जिला के खंड इंद्री के गांव रोज़का मेव ग्राम पंचायत में करीब 25 करोड़ रुपए के गबन में अहम भूमिका निभाने के आरोपी। नसीम निवासी गुरुग्राम को नूंह सेसन जज शुशील कुमार गर्ग की अदालत ने दो लाख रुपए के मुचलके के साथ जमानत मंजूर कर ली है। आरोपी नसीम को 10 नवंबर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। अब तक नूंह पुलिस रमजान पूर्व सरपंच, नसीम गुरुग्राम और काजम आकेड़ा को गिरफ्तार कर चुकी है। जहां काजम पर आरोपी है की उसके खाते में करीब सवा करोड़ रुपए की राशि भेजी गई थी। आरोपी नसीम के वकील ताहिर हुसैन देवला का कहना है कि आरोपी नसीम पर इल्ज़ाम है कि रमजान पूर्व सरपंच रोजका मेव ने पंचायत फंड लगभग 25 करोड को गबन की नियत मे अपने नाम गुडग़ांव बेंक मे खाता खुलवाए थे, ये खाते नसीम के जरिए ही खुलवाए थे। जिसमे नसीम कमीशन लेता था।
आपको बता दे कि भारत के राष्ट्रपति द्वारा गोद लिए नूंह जिला की ग्राम पंचायत रोजका मेव में करीब 25 करोड़ रूपये के गबन का मामला हाल ही में सामने आया है। नूंह डिप्टी कमिश्नर धीरेंद्र खडगटा ने बीडीपीओ रोजका मेव की जांच रिपोर्ट पर रोज़का मेव के तत्कालीन सरपंच रमज़ान, महिला पूर्व सरपंच खातुनी और मौजूदा सरपंच दीन मोहम्मद, बैंक अधिकारी, डीआरओ, एचएसआईआईडीसी व फर्मों व व्यक्तिगत खातों के मालिकों के खिलाफ धोखाधड़ी, गबन, सार्वजनिक धन का दुरुपयोग और सार्वजनिक विश्वास का उल्लंघन सहित अन्य धाराओं में दर्ज कराया था। वहीं गांव के मौजूदा सरपंच दीन मोहम्मद को निलंबित कर दिया । डीसी ने नूंह के एसडीएम को गबन करने वाले अधिकारियों, सरपंचों से पंचायत के सारे पैसे 21 फीसदी ब्याज के साथ वसूलने करने के भी आदेश दिए हैं। प्रशाशन की इस कार्रवाई से पंचायत सहित अन्य विभागों और सरपंचों में हड़कंप मच गया था। अभी तक नूंह पुलिस केवल तीन आरोपियों को ही गिरफ्तार कर सकी हैं।
नूंह डीसी धीरेंद्र खड़गटा ने 4 नवंबर को दिए अपने आदेश कहा की बीडीपीओ ईण्डरी द्वारा 18 अक्तूबर को एक शिकायत की जांच के बाद विस्तृत रिपोर्ट भेजी थी। रिपोर्ट के अनुसार ग्राम पंचायत रोजकामेव में एचएसआईआईडीसी से प्राप्त कुल मुआवजा राशि 24 करोड़ 27 लाख 90 हजार 7 सौ 28 रू० प्राप्त हुई थी। तत्कालीन सरपंच ग्राम पंचायत रोजका मेव के द्वारा एचएसआईआईडीसी के अधिकारियों, डी० आर० ओ० कार्यालय व बैंक अधिकारियों की मिलीभगत वे नियमों की अनदेखी करते हुए बिना खण्ड कार्यालय को सूचना दिये उक्त राशि को यूनियन बैंक झाड़सा गुरूग्राम में सिंगल सिग्नेटरी से अपना ग्राम पंचायत का खाता खुलवा दिया गया। इसके पश्चात तत्कालीन सरपंच रमजान, उसके बाद सरपंच बनी खातूनी द्वारा समय समय पर उक्त राशि में से अलग-अलग खातों व फर्मों को ट्रांसफर कर दिया गया तथा इसमें से कुछ राशि को स्वयं के द्वारा निकाल लिया गया।
जांच रिपोर्ट के अवलोकन से पाया कि पूर्व सरपंचों व हाल सरपंच दीन मोहम्मद द्वारा भी चार्ज लेने के पश्चात इन खातों के संबंध में कोई जानकारी खण्ड कार्यालय को नहीं दी गई। कई बार पत्राचार करने के बावजूद भी जांच अधिकारी को कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया तथा न ही हाल सरपंच दीन मोहम्मद के ने ग्राम पंचायत रोजका मेव का रिकॉर्ड जांच के लिए प्रस्तुत किया।
संबंधित ग्राम सचिवों ने भी जब सरपंचो से लिखित जवाब मांगा तो उन्होने जांच अधिकारी को लिखित जवाब प्रस्तुत किया गया।
जांच रिपोर्ट अनुसार एचएसआईआईडीसी तथा जिला राजस्व अधिकारी नूंह कार्यालय द्वारा भी करीब 25 करोड़ की मुआवजा व रॉयल्टी राशि जारी करने के संबंध में खण्ड कार्यालय को कोई सूचना नहीं भेजी गई तथा अपने स्तर पर तत्कालीन सरपंच रमजान के द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर राशि सीधे शिकायत में वर्णित खातों में डाली गई जिसके संबंध में खण्ड कार्यालय को कोई सूचना नहीं दी गई। जांच रिपोर्ट से स्पष्ट प्रतीत होता है कि उक्त मुआवजा राशि व रॉयल्टी राशि के संबंध में कोई भी रिकॉर्ड मैन्टेन नहीं किया हुआ पाया गया है क्योंकि उक्त राशि व खातों के संबंध में न तो खण्ड कार्यालय तथा न ही संबंधित ग्राम सचिवों के संज्ञान में कोई मामला था जो कि सीधे तौर पर इतनी बड़ी रकम के गबन का मामला पाया गया है।
वही डीसी ने रोज़का मेव के मौजूदा सरपंच दीन मोहम्मद को गबन के मामले की जांच में सहयोग न करने व रिकॉर्ड प्रस्तुत न करने तथा उक्त गबन में मिलिभगत की आशंका के आधार तुरन्त प्रभाव से निलम्बित कर दिया है तथा बीडीपीओ ईण्डरी को निर्देश दिये हैं कि दीन मोहम्मद से ग्राम पंचायत रोजकामेव का रिकॉर्ड लेकर नियमानुसार कार्यवाही की जाए।
वही डीसी ने नूंह के एसडीएम को निर्देश दिये हैं कि हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 में दिये गये प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही करते हुए गबन की गई राशि के नुकसान का आंकलन करवाते हुए उक्त राशि को बैंक में जमा करने की तिथि से लेकर अब तक 21 प्रतिशत ब्याज सहित रिकवरी की कार्यवाही व बिना किसी देरी के रिकवरी की करवाने के
आदेश दिए थे।
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