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सर्दी से फसलों को बचाने के लिए किसान हल्की सिंचाई, लो टनल तकनीक का सहारा ले 

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सर्दी से फसलों को बचाने के लिए किसान हल्की सिंचाई, लो टनल तकनीक का सहारा ले 

 

यूनुस अलवी 

नूंह, 

सर्दी के मौसम में पड़ने वाले घने कोहरे, धुंध और कड़ाके की सर्दी से सब्जियों की फसलों को पाले के नुकसान से बचाने के लिए किसान हल्की सिंचाई करें और लो टनल तकनीक का सहारा ले या फसलों को पन्नियों से ढंके।

जिला उद्यान अधिकारी डा.दीन मोहम्मद ने बताया कि पाले से सबसे पहले सब्जी वाली फसलों की पत्तियां प्रभावित होती हैं। फूल झुलस कर गिर जाते हैं फिर टहनियां व बाद में पौध सूखने लगते हैं। पौधों पर पहले काले व भुरे दानेदार धब्बे बनते हैं फिर सब्जियों के फलों पर धब्बे बनते हैं और फसल खराब हो जाती है।

 

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किसान उचित कदम उठाकर कर सकते हैं सब्जी की फसलों का बचाव

 

जब पाला पड़ने की संभावना हो उन दिनों दो ग्राम प्रति लीटर पानी में घुलनशील गंदक का का घोल बनाकर छिड़काव करें।

साथ ही जब पाला पड़ने की संभावना हो तब फसलों में हल्की सिंचाई कर देनी चाहिए जिससे तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं गिरेगा और फसलों को पाले से होने वाले नुकसान से बचाएगा।

खेत के चारों ओर धुंआ करें, हल्की सिंचाई करें। फफूंदकनाशक रसायन का छिड़काव करें। रात के समय सब्जियों के पौधों को प्लास्टिक की पन्नियों से ढक दें। इससे पाले से बचाव होगा।

जिनकी सब्जियों की नर्सरी तैयार है, उन्हे ठंड से बचाने के लिए प्लास्टिक या पुराल से ढकें। लो-टनल तकनीक का इस्तेमाल करें, इससे कम नुकसान होगा। किसानों को फायदा मिलेगा।

 

बागवानी पर अनुदान का प्रावधान

 

किसान बागवानी फसलों को पाले से बचाने के लिए प्लास्टिक लो टनल तकनीक अपना कर अपनी सब्जी की फसल को पाले से बचा सकता है व इस स्कीम पर बागवानी विभाग की तरफ से 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इस स्कीम का लाभ लेने के लिए किसान विभाग के पोर्टल Hortnet.gov.in पर 15 जनवरी तक आवेदन कर सकते हैं। इस स्कीम का लाभ पहले आओ पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा।

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