श्री मद्भागवत कथा में श्री मन नारायण के विभिन्न अवतारों का किया वर्णन
तसलीम अलवी
नगीना,
प्राचीन शिव मंदिर अस्थल नगीना में मातृशक्ति के द्वारा आयोजित श्री मद्भागवत कथा के तृतीय दिन कथा में भगवान श्री मन नारायण हरि के विभिन्न अवतारों का उद्देश्यो का सुंदर वर्णन किया गया। कथा प्रवक्ता वृंदावन धाम मथुरा से पधारे गोविंद शास्त्री ने वर्णन करते हुए विस्तार से बताया की भगवान का प्रत्येक अवतार के पीछे धर्म की स्थापना के साथ अनैतिक कार्यों को करने वाली व्यक्तियों को समझाकर धर्म की राह पर लाना वे उसके उपरांत भी अगर व ना समझे तो उसे दंड देना। उन्होंने बताया कि भगवान श्री हरि ने खम्बे को चीरकर नृसिंह का अवतार लिया और हिरण्यकश्यप को उसके पापों का दंड दिया। भगवान श्री मन नारायण हरि ने भगवान श्री राम के रूप में अवतार लिया और रावण को उसके कृतियों के लिए दंड देकर सर्वोत्तम मूल्यो से परिपूर्ण मर्यादा व धर्म की स्थापना की । श्री नारायण ने श्री कृष्ण के रूप में अवतार लिया और अत्याचारी कंस को दंडित कर एक बार फिर धर्म की स्थापना की। घोर कलयुग में एक बार फिर भगवान अवतार लेंगे और अत्याचारियों को दंडित कर न्याय एवं धर्म की स्थापना करेंगे। आचार्य मोनू जी ने विधि विधान एवं मंत्रोच्चारणों के साथ संगीतमय पूजा अर्चना संपन्न कराकर वातावरण को भक्तिमय कर दिया।
इस अवसर पर प्राचीन शिव मंदिर अस्थल कमेटी के अध्यक्ष किशन चंद गुप्ता, सर्व जातीय सेवा समिति के उपाध्यक्ष व समाजसेवी रजत जैन,नितिन दुबे, पूर्व सरपंच सुभाष चंद्र गुप्ता, पंडित जगन शर्मा, पंडित बाबू राम शर्मा गोविंद दुबे,,पंडित लाजपत शर्मा ,राजू सिंगला,घीसा राम सैनी शर्मा,नवीन शर्मा, ओम प्रकाश साहू, मंजू शर्मा,चंचल शर्मा, दीपमाला गोयल,राधिका जैन,अनुराधा दुबे,ऋतिका दुबे,अनिता सिंगला,मधु जैन,माया देवी, अनिता सैनी,सीमा गोयल, सविता मंगला, पूनम सैनी ,इंदिरा जैन, सुशीला देवी,कैलाश गुप्ता,नवीन गुप्ता, संदीप सैनी, आदि उपस्थित रहे।
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