*मेवात के विकास में अधिवक्ताओं की जरूरत: वशिष्ठ*
– बार एसोसिएशन ने आयोजित की विचार गोष्ठी
– अधिवक्ताओं ने राजा हसन खां के बलिदान दिवस को विशेष दिन का दर्जा देने पर जताया आभार
यूनुस अलवी
नूंह,
मुख्यमंत्री के मीडिया समन्वयक मुकेश वशिष्ठ ने कहा कि वकालत विश्व भर में अत्यंत सम्माननीय और गरिमामय पेशा है। देश में भी वकालत गरिमामय और सत्कार के पेशे के तौर पर हर दौर में महत्वपूर्ण बना रहा है। इसलिए मेवात के विकास में भी जिले के अधिवक्ताओं को बड़ी भूमिका निभानी चाहिए। मीडिया समन्वयक गुरुवार को बार एसोसिएशन, नूंह द्वारा आयोजित एक विचार गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। गोष्ठी की अध्यक्षता बार एसोसिएशन के प्रधान जाकिर हुसैन ने की।
मीडिया समन्वयक वशिष्ठ ने कहा कि अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम में अधिवक्ताओं का योगदान भी किसी से कम नहीं रहा। पूर्व राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद, महात्मा गांधी से लेकर भीमराव आंबेडकर सहित अधिकांश लोग वकालत के पेशे से अपने जीवन की शुरुआत किए हैं। इन सब भारत की महान विभूतियों के प्रारंभिक पेशे वकालत ही रहे, बाद में यह लोग देश के कर्णधार बन नीति निर्धारक बने। बीते नौ साल मुख्यमंत्री मनोहर लाल नूंह जिले के विकास में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। मुख्यमंत्री की नेक-नियत व ईमानदार प्रयास से नूंह जिले स्कूलों की संख्या वर्ष 2014 की तुलना में 22 से बढ़ाकर 117 की गई। जबकि सरकारी काॅलेज तीन से छह किए गए। कांग्रेस सरकार में सिफारिश के आधार पर बीपीएल कार्ड बनते थे। आज परिवार पहचान-पत्र के माध्यम से दो लाख 19 हजार बीपीएल कार्ड और 18,701 एएपी कार्ड बने हैं। पहली बार मेवातियों के अच्छे स्वास्थ्य की चिंता मनोहर सरकार ने की और चार लाख से ज्यादा आयुष्मान कार्ड बनाए। बीते दो साल में 7670 लोगों ने आयुष्मान योजना का लाभ उठाया और 26 करोड़ रूपए की बचत की। मनोहर सरकार बिना भेदभाव मेवात में पानी, बिजली, सड़क और स्वास्थ्य पर काम कर रही है। 9 मार्च को बडकली चौक पर होने वाला राजा हसन खां मेवाती का बलिदान दिवस समारोह ऐतिहासिक होगा। यह कार्यक्रम खुदार मेवात को खुशहाल मेवात में तब्दील करेगा और विकास के नए द्वार खुलेंगे। इस मौके बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जाकिर हुसैन ने हरियाणा सरकार द्वारा राजा हसन खां के बलिदान दिवस को विशेष दिन का दर्जा देने पर आभार जताया और सभी अधिवक्ताओं को 9 मार्च के समारोह में बढ़कर हिस्सा लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमें महापुरूषों से प्रेरणा लेकर संवैधानिक अधिकारों को लेकर समाज के हर तबके के लोगों तक न्याय की ज्योति पहुंचानी चाहिए।
विचार गोष्ठी में अधिवक्ता लियाकत अली, शौकत अली, गुलाब नवी आजाद, एससी गुप्ता, मुस्तफा लडमाकी, फजल अहमद, मुबीन अहमद, ताहिर हुसैन देडवाल, राजकुमार, राजेश छौक्कर, गो सेवा आयोग के सदस्य चौ. आस मोहम्मद और खलील अहमद सहित अनेक अधिवक्ता मौजूद थे।
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