तावडू में प्रवासियों का ठहराव हो सकता है शहरवासियों के लिए घातक साबित।
नसीम खान
तावडू,
शहर में वैसे तो आबादी कम नहीं है, लेकिन बढ़ती हुई घनी आबादी को देखते हुए शहरवासी चिंतित नजर आ रहे हैं। जहां एक और लोगों के पास रहने के लिए घर नहीं, खाने के लिए राशन नहीं है और वहीं दूसरी ओर उनके पास रोजी और रोजगार भी नहीं है। शहर वासियों को आए दिन इसी का क्लेश खाए जा रहा है। लेकिन शहर में बाहरी प्रवासियों का पड़ाव डालना एक चिंता का विषय है।
शहर में जगह-जगह पर सैकड़ों की संख्या में झुग्गियां डाली हुई है और यह झुग्गी वाले दिन के समय में तो शहर की रेड लाइट व बाजार तथा गली मौहल्लों में लोगों से पैसे मांगने का काम करते हैं, वहीं शाम होते ही यह सब लोग शराब के ठेके पर नजर आते हैं। इससे यह जाहिर होता है कि शहरवासी तो चिंतित है लेकिन स्थानीय प्रशासन इस और कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है। ऐसा लगता है कि जैसे स्थानीय प्रशासन चैन की नींद सोया हुआ है। ऐसे में शहर की सुरक्षा पर सवाल उठाते हैं इन लोगों का न तो कोई ठोड है न ठिकाना। शहर में वार्ड 2 बंद कालोनी, हुड्डा सेक्टर, अनाज मंडी के पीछे शहर में यह अपना डेरा डाले हुए हैं। इसको लेकर शहर में क्राइम बढ़ाना भी एक आम बात है। लेकिन क्राइम पर रोक लगाना आम बात नही है। यह लोग सरकारी जमीनों पर धीरे-धीरे अपना कब्जा भी जमा लेते हैं और फिर कब्जा छुड़ाने के लिए भारी पुलिस बल और कोर्ट के कागज दिखाने पड़ते हैं। तब कहीं जाकर यह कब्जा छोड़ते हैं। इनके पास कोई भी अधिकारी चला जाए तो यह सैकड़ों की संख्या में बाहर निकाल कर आते हैं। जब इसे खाली करने को कहते हैं तो झगड़ा करते हैं शराब के नशे में आए दिन एक दूसरे से लड़ाई झगड़ा करते हैं। जिससे आसपास का माहौल भी खराब हो रहा है। कॉलोनी वासियों का कहना है कि यह लोग हर वक्त शराब के नशे में रहते हैं और इनको देखकर हमारे बच्चों पर भी काफी गहरा असर पड़ रहा है। यदि इनको जल्द से जल्द यहां से नहीं हटाया गया तो यह लोग प्रशासन और स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत बन सकते हैं।
एसडीएम संजीव कुमार ने कहा कि है मामला उनके संज्ञान में नहीं था। सोमवार को वह स्वयं इसका निरीक्षण करेंगे। यदि इस दौरान उन्हें अवैध रूप से झुग्गी मिली तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।
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