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हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा प्रदान की जा रही अनेक ऋण योजनाएं : उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा 

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हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा प्रदान की जा रही अनेक ऋण योजनाएं : उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा 

 

यूनुस अलवी, 

नूंह, 

उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने बताया कि हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम का उद्देश्य अनुसूचित जाति के सदस्यों को विभिन्न योजनाओं के लिए ऋण सहायता उपलब्ध करवाकर उनका जीवन स्तर ऊंचा उठाना है। ऋण सहायता से योजनाओं के तहत अनेक प्रकार के व्यवसाय कर सकते हैं। जरूरतंद लोगों को इन ऋण सहायता योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने बताया कि हरियाणा अनुसूचित जाति एवं वित्त एंव विकास निगम द्वारा अनुसूचित जाति के सदस्यों के लिए वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्रों में 49 हजार रुपये तथा शहरी क्षेत्रों में 60 हजार रुपये तक हो तथा उनका नाम बीपीएल सर्वेक्षण सूचि में अंकित होना चाहिए।

उन्होंने बताया कि बैकों के सहयोग से स्वरोजगार के लिए पशुपालन, हथकरघा, किरयाणा की दुकान, कपड़े की दुकान, ऑटो रिक्शा/साइकिल मुरम्मत की दुकान, बैंड पार्टी, आटा चक्की, दरी बनाना, चमड़ा और चमड़े के कार्य, फोटोग्राफी तथा ओटो रिक्शा इत्यादि के कार्य शुरू करने के लिए 1.50 लाख रुपये तक के ऋण सब्सिडी के साथ दिलवाया जाता है। इसी प्रकार से राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम के वित्तिय सहयोग से राज्य के सफाई कर्मियों तथा उनके आश्रित जो किसी प्रकार के सैनीटेशन यानि सफाई कार्य में लगे हुए हैं उनको ऋण मुहैया करवाया जाता है। इसी प्रकार से बैंडबाजा, फोटोग्राफी, ब्यूटीपार्लर, बुटिक, दवाईयों की दुकान, स्टेशनरी/किताबों की दुकान, फर्नीचर अथवा ईमारती लकड़ी का कार्य, मुर्गी पालन, आटा चक्की, कम्प्यूटर का कार्य, फोटोस्टेट-कम-एसटीडी और ओटो रिपेयर के लिए दो लाख रूपए तक का ऋण मुहैया करवाया जाता है।

इसके अलावा कृषि क्षेत्र में भैंस पालन, सूअर पालन व भेड़ पालन के लिए भी ऋण मुहैया करवाया जाता है। उन्होंने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र के लिए जैसे मोटर साइकिल के पुर्जे बनाना, आटा चक्की, माचिस बनाना, चमड़ा व चमड़े के कार्य, लेद्दर कार्य, लकड़ी का काम-आरा मशीन, साबुन बनाना, मोमबती बनाना, टायर रिंट्रडिंग, दरी बनाना, पॉलीथीन व कागज आदि के कार्य करने के लिए भी ऋण सहायता मुहैया करवाया जाता है। उन्होंने बताया कि व्यापारिक क्षेत्र में चाय की दुकान, मिठाई की दुकान, पान की दुकान, आटो रिक्शा की दुकान, स्टेशनरी, फोटोग्राफी, कपड़े की दुकान, दवाईयों की दुकान, फलों की दुकान, खेल के सामान की दुकान, क्रोकरी की दुकान, सीमेंट की दुकान, जूता मरम्मत, किरयाणा की दुकान आदि के स्वरोजगार अपनाने हेतू ऋण सहायता दी जाती है। यह ऋण सहायता पर सब्सिडी भी दी जाती है और आसान किश्तों में देय करनी होती है। योजनाओं की अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट एचएसएफडीसी डॉट ओआरजी डॉट आईएन पर देख सकते हैं। उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया कि वे योजनाओं की जानकारी प्राप्त करके इनका ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं।

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