“रमजान का पहला जुमा आज, अल्लाह की रजा में रोजेदार मांगेंगे रहमत और बरकत की दुआ”
यूनुस अलवी नूह
माह-ए-रमजान 12 मार्च 2024 से शुरु हो चुका है। आज यानी 15 मार्च को रमजान का पहला जुमा है। इस्लाम में जुमा की नमाज की खास अहमियत है। वहीं रमजान में पड़ने वाले जुमे का महत्व और बढ़ जाता है। सभी धर्म में सप्ताह के किसी दिन को विशेष माना जाता है। बात करें इस्लाम धर्म की तो इस्लाम में अल्लाह की इबादत करने के लिए शुक्रवार यानी जुमा को बेहद खाश माना गया है। रमजान का महीना त्योहार नहीं बल्के इबादत और आजीजी का महीना होता हैं। दुनियावी लज्जतो और ऐस और इशरत से दूरी इख़्तियार करके ईद के दिन इस माह को त्यौहार मनाया जाता हैं। गाली गलौज झूठ गीबत और गुनाहों से हर महीने से ज्यादा बचना चाहिए। लेकिन अफसोस है। की पूरे महीने को ही त्यौहार बना लिया हैं। जो कि इस महीने की तोहीन है। महीना भर अल्लाह के हुजूर में पेश होकर आजीजी से अल्लाह के रजा मांगते रहना रमजान है। और इस महीने में कुरान के पैगाम को समझना रमजान की मुबारक तालीम है। गरीबों को खाना खिलाना यानी भूखों को खाना खिलाना जरूरतमंदों को अता करना रमजान की शान है। अल्लाह के लिए रमजान को जाया ना करें। इस रमजान में कुरान समझने का अज़म करें। मुसलमान आपसी इत्तिहाद और मोहब्बत को बढ़ाएं। मस्जिदों में ज्यादा वक्त गुज़रे। रमजान के पवित्र महीने में मुस्लिम लोग रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करते हैं। सुबह की सेहरी के समय रोजे की शुरुआत की जाती है। और शाम को इफ्तार के समय रोजा खोल लिया जाता है। रमजान में शुद्धता का भी पूरा ध्यान रखा जाता है। रमजान के दौरान मुस्लिम लोग रोजा रखकर अल्लाह की इबादत करते हैं। रमजान का महीना खत्म होने के बाद ईद का त्योहार पूरे विश्व में धूमधाम से मनाया जाता है।
इमाम मोहम्मद हनीफ फैजी गोरवाल जामा मस्जिद नारनौल सदर तंजीम आइमा ओकाफ हरियाणा
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