•मेवात और आसपास के शहरों में रमजान के तीसरे जुमा की लाखो लोगो ने अदा की नमाज
• व्यक्तित्व को निखारने में रोजा निभाता है महत्वपूर्ण भूमिका
•हर बालिग मर्द औरत को रोजा रखना जरूरी है
यूनुस अलवी,
मेवात,
29 मार्च को मेवात और आसपास के शहरों में लाखों लोगों ने रमजान माह के तीसरे जुमा की नमाज अदा कर देश में अमन और शांति की दुआ मांगी। इस मौके पर मस्जिदों से इमाम और उलेमाओं ने लोगों को संदेश दिया कि रमजान माह में गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद की जाए। फितरा और जकात अदा किया जाए तथा बुराइयों से बचा जाए।
मुस्लिम समाज के लोगों ने शुक्रवार को, नूंह, तावडू, फिरोजपुर झिरका, पुनहाना, पिनगवां, नगीना, गुरुग्राम, रेवाड़ी स्थित जामा मस्जिद में रोजा की तीसरी शुक्रवार की नमाज पर अदा की।
इमाम मोहम्मद हनीफ फैजी गोरवाल ने बयान करते हुए कहा, रमजान की सबसे बड़ी अहमियत यह है, कि इसी माह में अल्लाह ने कुरान को दुनिया में भेजा। इस माह को अल्लाह ने इबादत का हुक्म दिया तो यह बताया कि इस माह की अच्छी दुआओं का कुबूल होना तय होता है। इसमें माह में सब्र का इम्तेहान होता है। पूरे दिन खाना नहीं खाते ओर पानी नहीं पीते हैं। ऐसा कर जहां हम खुदा का हुक्म मान रहे होते हैं, वहीं साथ ही दूसरों की भूख प्यास का एहसास होता है कि जो गरीब हैं और जिनके यहां फांकाकशी है। वे कैसे रहते हैं। माहे रमजान से व्यवहार में नरमी आती है। चरित्र चमकदार होता है। इस माह का संदेश स्पष्ट है कि जिस प्रकार रमजान के दिनों में हम व्यवहार करते हैं, सब्र करने के साथ खुद पर नियंत्रण रखते हैं,उसे अपने जीवन में भी उतारें। व्यक्तित्व का अर्थ सामान्यतः बाहरी शक्ल सूरत, वेशभूषा और बोलचाल समझा जाता है। हालांकि यह व्यक्तित्व के ऐसे पहलू नहीं हैं, जिनकी चर्चा की जाए। इसके विपरीत चरित्र, आचरण, आत्मविश्वास, सच्चाई, बहादुरी, स्वास्थ्य और सक्रियता व्यक्तित्व के महत्वपूर्ण भाग हैं। इनके बिना व्यक्तित्व अधूरा है। हां, ऊपर लिखी खूबियां भी अगर किसी व्यक्ति में मौजूद हैं तो उनका व्यक्तित्व और निखर जाता है। रोजा एक ऐसी इबादत है, जिससे दुनिया और आखिरत दोनों की भलाई जुड़ी हुई हैं। यह एक दीनी फरीजा होने के साथ-साथ आदमी में वे सभी गुण पैदा करने की कोशिश करता हैं, जिनकी आज के सभ्य समाज और मॉडर्न जमाने को जरूरत है। व्यक्तित्व को निखारने और लोगों में योग्यता पैदा करने के लिए वर्तमान में पर्सनालिटी डवलपमेंट के विभिन्न पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं। कई यूनिवर्सिटी और दुनिया संस्थाएं ऐसे लेक्चर्स और क्लासों का आयोजन करती हैं, जबकि अल्लाह ने इन सभी खूबियों को रोजे में निहित रखा है। व्यक्तित्व को निखारने में रोजा महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। साथ ही साथ यह आदमी में कई खूबियां पैदा करता है। जो रोजाना की जिंदगी में उसके लिए उपयोगी होती है। यह खूबियां व्यापार, व्यवसाय, प्रशासन, राजनीति, अर्थव्यवस्था, शिक्षा में तकनीक आदि जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता का मार्ग प्रशस्त करती है। इसलिए जो रोजे रखता है, उस रोजेदार का व्यक्तित्व अलग प्रकार से निखरता है।
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