बिना बहुमत के राशि निकालने के मामले में डीसी ने मुंढेता गांव के सरपंच को किया निलंबित
• बहुमत वाले पंच को चार्ज देने के दिए आदेश
• गांव के ग्राम सचिव पर भी होगी कार्रवाई
यूनुस अलवी,
मेवात,
नूंह जिला के खंड पिनगवां के मुंढेता गांव के सरपंच यासर अराफात द्वारा बिना पंचों के बहुमत के गलत तरीके से पंचायत खाते से कई लाख रुपए की राशि निकालने के आरोप में नूंह उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने निलंबित कर दिया है। वही डीसी ने गांव के बहुमत वाले पंच को सरपंच का चार्ज सौंपने का बीडीपीओ पिनगवां और गांव के ग्राम सचिव को भी दोषी मानते हुए उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए जिला परिषद नूंह के कार्यकारी अधिकारी को आदेश दिए हैं।
गांव मुंढेता के सरपंच पर आरोप है कि गांव में कुल 12 पंच है जिनमें सरपंच के पास पंचों का बहुमत नहीं था उसके बावजूद भी सरपंच ने ग्राम सचिव के साथ मिलकर तीन अलग–अलग किस्तों में लगभग 2 लाख 93 हजार रूपये की राशि पंचायत खाते से निकाली ली। शिकायतकर्ता मुबारिक पुत्र इस्लाम निवासी मुंढेता ने शिकायत में बताया कि गांव मुंढेता में सरपंच के द्वारा बिना बहुमत के तीन बार में राशि निकाल कर हड़प ली गई। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत मुंढेता के खाता के बैंक स्टेटमेंट अनुसार 09 मार्च 2023 को 124,785 रूपये, 16 मार्च 2023 को 74800 रूपये और 19 मार्च 2023 को 93390 रूपये सहित तकरीबन 2 लाख 93 हजार रूपये की राशि पंचायत खाते
निकाल कर खुर्दबुर्द कर दी है।
शिकायतकर्ता की शिकायत पर जिला उपयुक्त ने 28 जून 2024 को सुनवाई की गई इस दौरान सरपंच अपने पक्ष में ऐसा सुबूत पेश नही कर पाया जिससे साबित हो सके की सरपंच के द्वारा जो राशि निकाली गई है वह ग्राम पंचायत के पंचों के कोरम पूरा होने के आधार पर निकाली गई है। जांच में रकम बिना कोरम पूरा किए पंचायत खाते से राशि निकलने पर डीसी नूंह ने गांव के सरपंच यासर अराफात को पंचायती राज अधिनियम के तहत दोषी पाए जाने पर निलंबित करने के आदेश जारी कर किए हैं। इतना ही नहीं उक्त मामले में गांव के ग्राम सचिव की भी संलिप्तता पाए जाने पर डीसी ने उसके खिलाफ भी कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
क्या कहते हैं बीडीपीओ पिनगवां
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पिनगवां के खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी सुरजीत सिंह का कहना है कि बिना पंचों का कोरम के राशि निकाले के आरोप में मुंढेता गांव के सरपंच को जांच में दोषी पाया गया है। डीसी ने इसको निलंबित कर दिया है। साथ ही बहुमत वाले पंच को पंचायत का कार्यभार सौंपने के आदेश दिए हैं। इतना ही नहीं इस मामले में संलिप्तता पाए जाने वाले ग्राम सचिव के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए मुख्य कार्यकारी अधिकारीको लिखा गया है।
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