नूंह में 9 गांवों के किसानों ने तिरंगे झंडे के साथ धरनास्थल से जिला सचिवालय तक निकाली ट्रैक्टर यात्रा
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रवि आजाद पहुंचे
दीपक कुमार,
नूंह,
नूंह जिले के आईएमटी रोजकामेव स्थित धीरदोका गांव में मुआवजे को लेकर पिछले करीब 5 महीने से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे 9 गांवों के किसानों ने बुधवार दोपहर नूंह में ट्रैक्टर यात्रा निकाली। तिरंगा झंडा लगा किसानों ने सैंकड़ों ट्रैक्टर के साथ धरनास्थल धीरदोका गांव से नूंह शहर के बाईपास, तिरंगा चौक होते हुए मेडिकल कॉलेज रोड से तावडू रोड होते जिला सचिवालय तक 35 किलोमीटर सफर तय कर ट्रैक्टर यात्रा निकाली। किसानों की इस ट्रैक्टर यात्रा में भारतीय किसान यूनियन के हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष रवि आजाद, किसान यूनियन दिल्ली के प्रदेशाध्यक्ष दलजीत डागर, दिल्ली किसान मोर्चा के अध्यक्ष सत्येंद्र लोचव, पूर्व विधायक नूंह हबीब उर रहमान सहित नूंह कमेटी के सदस्य हाफिज सिराजुद्दीन, जाहिद पूर्व सरपंच मेहरोला, पूर्व सरपंच मोहम्मद एसपी, मुबारिक, इरशाद, इरफान, जमशेद, उस्मान, हाजी रफीक अब्बास खेड़ी सहित सैंकड़ों किसान शामिल हुए। इस ट्रैक्टर यात्रा की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन के हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष रवि आजाद खुद ट्रैक्टर चलाते हुए पहुंचे और किसान कमेटी के साथ नूंह एसडीएम विशाल को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान रवि आजाद ने कहा कि 4 जुलाई को प्रशासन द्वारा मांगा गया 35 दिन का समय 7 अगस्त को पूरा हो जाएगा। इस 7 अगस्त तक सरकार द्वारा मामले पर संज्ञान नहीं लिया गया तो इसके बाद किसान और प्रशासन आमने-सामने होंगे। उन्होंने कहा कि 9 गांवों के किसानों की 1600 एकड़ भूमि के मुआवजे की 750 करोड़ राशि को किसानों को दी जाए। साथ ही किसानों से कराए एग्रीमेंट को रद्द कर दिया जाए। अगर 7 अगस्त तक इस यह काम नहीं किया आईएमटी रोजकामेव में चल रहे सभी काम को बंद कराया जाएगा। इस मामले में प्रशासन ने कई बार समय मांग लिया, लेकिन इस बार अब और समय प्रशासन को नहीं दिया जाएगा।
बता दें कि आईएमटी रोजकामेव के लिए 9 गांव खेड़ली कंकर, मेहरोला, बडेलाकी, कंवरसीका, रोजकामेव, धीरदोका, रूपाहेड़ी, खोड (बहादरी) और रेवासन के किसानों की वर्ष 2010 में 1600 एकड़ अधिग्रहण की जमीन की गई थी। उस दौरान किसानों की जमीन को सरकार द्वारा 25 लाख रुपए का मुआवजा देकर प्रति एकड़ अधिग्रहण किया गया था, लेकिन इसके बाद सरकार ने फरीदाबाद के चंदावली, मच्छगर गांवों की जमीन को भी अधिग्रहण किया। वहां के किसानों ने कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी जमीन को सस्ते दामों में सरकार पर लेने का आरोप लगाकर मुआवजा बढ़ाने की मांग की थी, जिस पर कोर्ट ने किसानों को प्रति एकड़ 2 करोड़ की राशि देने के आदेश दिए थे। इस दौरान जब 9 गांवों के किसानों को पता चला कि उक्त गांवों के किसानों को 2 करोड़ प्रति एकड़ मिले हैं तो उन्होंने भी लंबी लड़ाई लड़कर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। जिस पर सरकार ने किसानों से बातचीत करते हुए उनकी जमीन को 46 लाख रुपए प्रति एकड़ देने की बात कही और उनसे एफिडेविट पर साइन करा लिए, ताकि किसान कोर्ट में ना जा सके और सभी किसानों को 21- 21 लाख रुपए देकर कहा कि आगे आपको 25-25 लाख रुपए ओर दे दिए जाएंगे, लेकिन आज तक भी किसानों को 25-25 लाख रुपए नहीं दिए गए हैं।
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