रमजान माह के पहले जुम्मा में नमाजियों की उमड़ी भीड़
यूनुस अलवी
मेवात
रमजान के पवित्र महीने का 8 अप्रैल को पहला जुमा है। इस्लाम धर्म मे भी आज के दिन की खास अहमियत होती है। कोरोना काल के बाद आज जुमे की नमाज पढ़ने हज़ारों की संख्या में लोग जामा मस्जिदों में जुम्मे की नमाज अदा करने पहुंचे। जुमा की नमाज पढ़ने के लिए आसपास के गांव के लोग शहरों की तरफ रुख करते हैं।
शहरों में जुमे की नमाज पढ़ने के साथ-साथ रोजेदार इफ्तारी के लिए फल, सब्जी, खजूर इत्यादि सामान की जमकर खरीदारी करते हैं। आम दिनों के मुकाबले जुम्मा के दिन मस्जिदों व बाजारों में रौनक देखने लायक होती है। आम रोजों के मुकाबले जुम्मा के दिन रोजेदार भी अधिक होते हैं और बाजारों में भीड़ भी अधिक बढ़ जाती है।
रमजान के महीने में कुदरत की रहमत बरसती है। अल्लाह को राजी करने के लिए हर मुसलमान रोजा, नमाज, जकात के साथ – साथ इबादत करता है ताकि उसकी मगफिरत हो सके। इस महीने में मुस्लिम समाज के लोग खरीददारी भी जमकर करते हैं और बुराइयों से तौबा कर नेकी के कामों पर ज्यादा ध्यान देते हैं ताकि गुनाहों से बचा जा सके। रमजान माह के पहले जुमा की नमाज के बाद नमाजियों ने एक साथ मुल्क में अमन शांति व तरक्की के लिए दुआ भी की।
कबीर मस्जिद नूंह के मौलाना हबीब ने जुम्मे की नमाज अदा कराई। उन्होंने कहा कि इस महीने में बुराइयों को त्याग कर अच्छाइयों की तरफ बढ़ना चाहिए। रोजे रखने के साथ-साथ नमाज पढ़नी चाहिए। ज्यादा से ज्यादा कुरान पाक की तिलावत करनी चाहिए ताकि अल्लाह इंसान से राजी हो जाए और उसकी मगफिरत फरमा दे।
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