बडी खबर
-15 साल से शमशाबाद खैंचातान गांव के लोग नही चुन पा रहे हैं अपना पंचायत व निकाय प्रतिनिधि
-गांव की न अपनी पंचायत है और न नगरपालिका का हिस्सा
-अपनी पंचायत ना होने से गांव में लगे हैं गंदगी के अंबार
-2008 तक षमषाबाद खैंचेतान पटाकर पंचायत का हिस्सा हुआ करती थी
-15 साल से शमशाबाद खैंचातान गांव के लोग नही चुन पा रहे हैं अपना पंचायत व निकाय प्रतिनिधि
-गांव की न अपनी पंचायत है और न नगरपालिका का हिस्सा
-अपनी पंचायत ना होने से गांव में लगे हैं गंदगी के अंबार
-2008 तक षमषाबाद खैंचेतान पटाकर पंचायत का हिस्सा हुआ करती थी
फोटो- गांव शमशाबाद खैंचेतान की गलियों में भरी कीचड से बचकर निकालते ग्रामीण
यूनुस अलवी
पुन्हाना/मेवात/हरियाणा
नूंह जिला के पुन्हाना खंड का शमशाबाद खैंचातान ऐसा गांव है जिसकी न तो अपनी पंचायत है और न ही वह किसी पंचायत व नगरपालिका में शामिल किया गया है। जिसकी वजह से गांव स्कूल, बिजली, पीने के पानी, सफाई व्यवस्था जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचति हैं। पिछले 15 साल से गांव के लोग पंचायत व निकाय चुनावों में अपना वोट डालने के अधिकार से वंचित है। गांव के लोग केवल एमएलए और एमपी की वोट डालते हैं। इस बार गांव के लोगों को सरकार से उम्मीद जगी थी कि उनको नगरपालिका में षामिल कर लिया जायेगा या फिर अपनी अलग पंचायत बना दी जायेगी। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अभी गांव के लोगों को पांच साल और इंजतार करना पड़ सकता है क्योकि नूंह जिला में सरकार ने आठ नई पंचायतें बनाई उनमें शमशाबाद खैंचातान का नाम षामिल नहीं किया गया वहीं पुन्हाना नगर पालिका में 19 जून को चुनाव हो रहे है, जिससे लोगों की संभावाएं पूरी तरह खत्म हो गई है।
15 साल पहले पुन्हाना नगरपालिका थी लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला कि सरकार ने कम आबादी की वजह से प्रदेश में कई नगरपालिका तोड कर पंचायत बना दी थी। जिससे पुन्हाना नगरपालिका से नकनपुर और पुन्हाना पंचायत अलग पंचायत बन गई थी। वर्ष 2008 में काग्रेस सरकार ने पुन्हाना का क्षेत्र बढाकर दुबारा से नगर पालिका दर्जा दे दिया था। पुन्हाना नगर पालिका में नकनपुर, पुन्हाना पंचायत के अलावा बास दल्ला, पटपडबास और पटाकपुर गांवों को जोड दिया था। गावों को नगरपालिका में शामिल करते समय अधिकारी शमशाबाद खैंचातान गांव को भूल गऐ। इन्हें न तो नगरपालिका में जोडा और न ही उनकी अगल पंचायत बनाई। जबकि गांव शमशाबाद खैंचातान 15 साल पहले तक पटाकपुर पंचायत का हिस्सा था। अधिकारियों कि लापरवाही ने गांव के लोगों से पंचायत व निकाय चुनावों में वोट डालने का अधिकार छीन लिया। गांव के करीब 300 वोटर पिछले 15 साल से न तो अपना सरंपच, पंच, जिला पार्षद, पंचायत समिति सदस्य चुन पा रहे हैं और न ही नगरपालिका में वोट डाल रहे हैं।
गांव के चरण सिंह, मोहम्मद याकूब, आफताब, गणेश कुमार का कहना है कि जब उनको पता चला की उनके गांव के लोगो को वोट डालने से वंचित कर दिया है तभी से गांव के नगरपालिका में जोडने के लिये अधिकारी और नेताओं से शिकायत करते आ रहे हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। अब तो उनकी आस ही टूट गई है क्योकि जिले में बनी 8 नई पंचायतों में उनके गांव का नाम नहीं आया और न ही नगर पालिका के वार्डाे में उनको जोडा गया।
गांव की अपनी पंचायत न होने कि वजह से गांव में विकास नाम की कोई चीज नहीं हैं। सभी गलियों में कीचड भरी हुई है। रात के समय तो उन गलियों से कोई निकल नहीं सकता है। नमाज पढने के लिये मस्जिद में जाने वाले लोग अकसर गिर जाते हैं जिसकी वजह से उनके नमाज के कपडे खराब हो जाते हैं। गांव स्कूल, बिजली, पीने के पानी, सफाई व्यवस्था जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचति हैं। गांव की राधा, बबीता महिलाओं का कहना है कि गांव में पीने के पानी और रास्तों की भारी समस्या हैं। लोगों ने अपने पैसे से बिजली के खंबे वे रास्ते बनवाते हैं। उनको सरकार की किसी भी योजना का कोई फायदा नहीं हो रहा है।
15 साल पहले पुन्हाना नगरपालिका थी लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला कि सरकार ने कम आबादी की वजह से प्रदेश में कई नगरपालिका तोड कर पंचायत बना दी थी। जिससे पुन्हाना नगरपालिका से नकनपुर और पुन्हाना पंचायत अलग पंचायत बन गई थी। वर्ष 2008 में काग्रेस सरकार ने पुन्हाना का क्षेत्र बढाकर दुबारा से नगर पालिका दर्जा दे दिया था। पुन्हाना नगर पालिका में नकनपुर, पुन्हाना पंचायत के अलावा बास दल्ला, पटपडबास और पटाकपुर गांवों को जोड दिया था। गावों को नगरपालिका में शामिल करते समय अधिकारी शमशाबाद खैंचातान गांव को भूल गऐ। इन्हें न तो नगरपालिका में जोडा और न ही उनकी अगल पंचायत बनाई। जबकि गांव शमशाबाद खैंचातान 15 साल पहले तक पटाकपुर पंचायत का हिस्सा था। अधिकारियों कि लापरवाही ने गांव के लोगों से पंचायत व निकाय चुनावों में वोट डालने का अधिकार छीन लिया। गांव के करीब 300 वोटर पिछले 15 साल से न तो अपना सरंपच, पंच, जिला पार्षद, पंचायत समिति सदस्य चुन पा रहे हैं और न ही नगरपालिका में वोट डाल रहे हैं।
गांव के चरण सिंह, मोहम्मद याकूब, आफताब, गणेश कुमार का कहना है कि जब उनको पता चला की उनके गांव के लोगो को वोट डालने से वंचित कर दिया है तभी से गांव के नगरपालिका में जोडने के लिये अधिकारी और नेताओं से शिकायत करते आ रहे हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। अब तो उनकी आस ही टूट गई है क्योकि जिले में बनी 8 नई पंचायतों में उनके गांव का नाम नहीं आया और न ही नगर पालिका के वार्डाे में उनको जोडा गया।
गांव की अपनी पंचायत न होने कि वजह से गांव में विकास नाम की कोई चीज नहीं हैं। सभी गलियों में कीचड भरी हुई है। रात के समय तो उन गलियों से कोई निकल नहीं सकता है। नमाज पढने के लिये मस्जिद में जाने वाले लोग अकसर गिर जाते हैं जिसकी वजह से उनके नमाज के कपडे खराब हो जाते हैं। गांव स्कूल, बिजली, पीने के पानी, सफाई व्यवस्था जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचति हैं। गांव की राधा, बबीता महिलाओं का कहना है कि गांव में पीने के पानी और रास्तों की भारी समस्या हैं। लोगों ने अपने पैसे से बिजली के खंबे वे रास्ते बनवाते हैं। उनको सरकार की किसी भी योजना का कोई फायदा नहीं हो रहा है।
क्या कहते हैं अधिकारी
पंचायत ऑफिसर नसीम अहमद का कहना है कि शमशाबाद खैंचातान गांव को नगरपालिका पुन्हाना में शामिल करने के लिए विभाग के पास प्रस्ताव भेजा दिया था। किन कारणों से इसे नगरपालिका में जोड़ा नहीं गया है ये तो उच्च अधिकारी ही बता सकते है। वहीं पुन्हाना नगरपालिका की पूर्व चेयरपर्सन रूबीना के सदस्य भी शमशाबाद खैंचातान गांव को नगरपालिका में जोडने का प्रस्ताव भेजा था।
Author: Khabarhaq
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