मेवात के बिछोर गांव में धूमधाम से निकाले गये ताजिये,
-ताजिया मेला पर दूर दराज गावो के हजारों लोगो ने लिया भाग
-ताजिया मेला पर दूर दराज गावो के हजारों लोगो ने लिया भाग
फोटो-गांव बिछौर में निकाने गये ताजिये
यूनुस अलवी
मेवात-हरियाणा
नूंह ज़िला के पुन्हाना खंड के गांव बिछोर में मंगलवार को मोहर्रम के अवसर पर हजरत इमाम हसन और इमाम हुसैन की याद में ताजिये निकाले गये। गांव बिछोर में ताजिया देखने के लिये भारी संख्या में लोगों ने भाग लिया। वहीं किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस के इंतजाम भी देखने को मिले। बिछोर गांव के चौक से ताजिये निकले गए और गांव की गलियों से होते हुए मुख्य मार्गों तक ले जाया गया। महिलाओं ने ताजिये में धागा बांधकर मन्नत मांगी। उसके बाद ताजिया को दफनाया गया।
नूंह ज़िला के पुन्हाना खंड के गांव बिछोर में मंगलवार को मोहर्रम के अवसर पर हजरत इमाम हसन और इमाम हुसैन की याद में ताजिये निकाले गये। गांव बिछोर में ताजिया देखने के लिये भारी संख्या में लोगों ने भाग लिया। वहीं किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस के इंतजाम भी देखने को मिले। बिछोर गांव के चौक से ताजिये निकले गए और गांव की गलियों से होते हुए मुख्य मार्गों तक ले जाया गया। महिलाओं ने ताजिये में धागा बांधकर मन्नत मांगी। उसके बाद ताजिया को दफनाया गया।
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https://youtu.be/e7I-yyTbJy0
ताजिया बनाने वाले अब्दुल रहीम, जीमल अहमद ने बताया कि ताजिया बनाने का खर्चा वे पिछले कई सालों से स्वंम उठा रहें हैं। उनका कहना है कि बिछोर का ताजिया देखने के लिये अलवर, भरतपुर, फरिदाबाद सहित दूसरे राज्यों और जिलों से लोग देखने आते हैं। क्योकि आज से 40 साल पहले जहां मेवात के करीब 30 गावो में ताजिया निकाले जाते थे जो आज केवल बिछोर गांव तक ही सिमट कर रह गए है।
आपको बता दे कि इसलाम धर्म के पैगम्बर हजरत मुहम्म्द साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन को यजीद की फौज ने शहीद कर दिया था। यजीद भी अपने आप को मुसलमान मानता था लेकिन हुकूमत हांसिल करने के लिये इमाम हुसैन से यजीद ने जंग लडी थी और इमाम हुसैन इसमें शहीद हो गये थे। उनकी ष्षहादत को याद करते हुऐ हर साल उनकी याद में 10 मोहर्रम को ताजिये निकाले जाते है। इस दिन लोग षोक व्यक्त करते हैं। मालदार लोग गरीब, यतीम और बेसहारा लोगों की मदद करते है।
हिन्दू समाज के अजय कंसल, यादराम गर्ग आदि लोगों का कहना है कि मेवात में ईद हो या दीपावली या फिर मोहर्रम सभी धर्मो के लोग एक दूसरे के साथ मिलकर मनाते हैं। मेवात में हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल सदियों से कायम है, जो तीज-त्यौहार में देखने को अक्सर मिल जाता है।
Author: Khabarhaq
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