सकारात्मक खबरों की पहचान बन गया आवाज द वॉयस
यूनुस अलवी
नई दिल्ली:
आज देश में टीआरपी की जंग ने मीडिया के एक बड़े तबके को नकारात्म जीसीक खबरों और दुष्प्रचार का केंद्र बना लिया है. सकारात्मक खबरों की कोई कमी नहीं है लेकिन खबरों की दौड़ में मीडिया का एक बड़ा तबका उनकी अनदेखी करता रहा है.
लेकिन अब देश की सकारात्मक खबरों को “आवाज द वॉयस डॉट इन” नाम के डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए पेश करने की पहल की गई है।
यह सीरीज अब तक देश में खासकर मुसलमानों को लेकर सकारात्मक खबरें और सांप्रदायिक सौहार्द की अनूठी मिसाल पेश करने में काफी सफल रही है।
आवाज द वॉयस ने देश की गंगा-जिमनी संस्कृति के साथ एकता और दोस्ती के पहलुओं को उजागर करने वाले समाचारों और कहानियों को प्रमुखता से प्रस्तुत करने के साथ सफलतापूर्वक प्रयोग किया है।
जिसका प्रमाण यह है कि इस डिजिटल प्लेटफॉर्म को अब दो साल से भी कम समय में हर दिन लाखों लोग देख रहे हैं, जो वर्तमान में अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू और असमिया में उपलब्ध है।
आपको बता दें कि आवाज- द वॉयस एक मल्टीमीडिया डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो भारत के बहुलवादी समाज, गंगा सभ्यता और खासकर मुसलमानों की सकारात्मक खबरों पर आधारित है।
अपने सकारात्मक और रचनात्मक दृष्टिकोण के साथ, मंच का उद्देश्य समुदायों के बीच पुलों का निर्माण करना है।
आवाज द वॉयस ने बहुत ही कम समय में अपना नाम बनाया है। यह एक ऐसे मंच के रूप में उभरा है, जिस पर देश के कोने-कोने से खासकर मुस्लिम और हिंदू-मुस्लिम एकता की खबरें प्रमुखता से पेश की जाती हैं।
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