सरकारी एजेंसी मामदंड पूरा न होने का बहाना बनाकर नहीं खरीद रही बाजरा
-किसानों को 600 से 800 रूपये प्रति क्विंटल हो रहा है नुकसान
-तीन दिन में सरकार बाजरा, धान और कपास का एक दाना भी नहीं खरीद सकी है।
यूनुस अलवी
मेवात
सरकार ने बाजरा, धान और कपास की एमएसपी दर पर पिछले तीन दिनों से खरीद षुरू कर दी है। अनाजमंडियों में तीनों फसल तो खूब आ रही हैं लंकिन सरकारी एजंेंसी अभी तक एक दाना भी नहीं खरीद पाई हैं। वहीं आढ़तियों ने अब तक हजारों क्विंटल कपास, धान और बाजरा खरीद लिया है।
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जानकारी के अनुसार पुन्हाना अनाज मंडी में आढ़तियों द्वारा दो दिनों में बाजरा 2923 क्विंटल, 8 हजार क्विंटल कपास और 108 क्विंटल धान की खरीद की है। सरकार की ओर से बाजरा 2350 रूपये प्रति क्विंटल, धान 2060 रूपये क्विंटल और कपास 5500 रूपये क्विंटल की दर से खरीद रही है।
किसान हाजी मूसा, नोमान खान, महमूद खान और सफी सरपंच का कहना है कि सरकार ने बाजरा का एमएसपी दर 2350 जारी किया है। लेकिन हेफेड एजेंसी के अधिकारी मापदंड पूरे ने करने का आरोप लगाते हुऐ खरीद नहीं रही है। इसलिए आडतियों को सस्ते में बाजरा खरीदने की खुली छूट दे रखी है। इसी वजह से किसानों को बाजरा आडती 1600 से 1800 रूपये प्रति क्विंटल खरीद रहे हैं। जिससे किसानों को 550 से 750 रूपये तक प्रति क्विंटल का घाटा उठाना पड़ रहा है।
किसानों ने बताया कि सरकार ने धान का एमएसपी दर मात्र 2060 रूपये रखा है लेकिन बाजार में धान 2600 से 3000 प्रति क्विंटल तथा कपास का एमएसपी दर 5500 रूपये तैय किया है जबकि बाजार में कपास 6 से 8 हजार रूपये प्रति क्विंटल बिक रहा है। इसलिए कोई भी किसान सरकार को नहीं बैच रहा है। किसानों ने सरकार से मांग की है कि उनके बाजरा को सरकारी दर पर खरीदा जाये जिससे किसानों के नुकसान की कुछ भरपाई हो सकें। किसानों का कहना है कि बरसात के कारण पहले ही उनका काफी नुकसान हो चुका है।
क्या कहते हैं अधिकारी
मार्कीट कमेटी पुन्हाना के सचिव दीपक ने बताया कि किसान जो बाजरा मंडी में ला रहे हैं उसकी गुणवक्ता ठीक नहीं है। इसलिए एजेंसी उसे नहीं खरीद रही है। उन्होने माना की आडती बाजरा को 1600 से 1800 रूपये क्विंटल खरीद रहे है। वहीं उनका कहना है कि मंडी में किसानों का धान और कपास एमएसपी से अधिक दर में बिक रहा है। जिसकी वजह से कोई किसान एजेंसी को नहीं बैच रहा है। उनका कहना है कि सोमवार तक पुन्हाना अनाजमंडी में धान, कपास और बाजरा का एक दाना भी नहीं खरीदा गया है। आज कुछ बाजरा की ढेरियों को सैंपल लेकर उच्च अधिकारियों के पास भेजे गये हैं उच्च अधिकरियों की मंजूरी मिलने के बाद ही कुछ खरीद की जा सकेगी।
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