Khabarhaq

पांच साल पहले तोडा गया बारहवीं स्कूल का भवन अभी तक नहीं बन सका -मजबूर 965 छात्रायें चार कमरों में भेड बकरियों कि तरह पढ़ने को मजबूर हैं

Advertisement

-पांच साल पहले तोडा गया बारहवीं स्कूल का भवन अभी तक नहीं बन सका
-मजबूर 965 छात्रायें चार कमरों में भेड बकरियों कि तरह पढ़ने को मजबूर हैं

फोटो -तीन साल पहले तोडे गऐ स्कूल के भवन के अवशेष

यूनुस अलवी
नूंह/मेवात
शिक्षा विभाग ने नया भवन बनाने को लेकर करीब पांच साल पहले वरिष्ठ माध्यमिक कन्या विद्यालय पिनगवां का भवन तोड़ दिया गया था। आज तक भवन बनना तो दूर उसकी नींव तक नहीं खोदी गई है। जिसकी वजह से 6 से 12 तक बढ़ने वाली 965 छा़त्राओं को भेड बकरियों की तरह मात्र कमरों में ही पढ़ना पड़ रहा है। प्रयाप्त कमरे न होने की वजह से गर्मी, सर्दी, बरसात के मौसम में छात्राओं की मजबूर होकर छुटटी करनी पडती है। कमरों की कमी के चलते एक कक्षा के तीन-तीन सैक्सन की सैंकड़ों छात्रायें एक साथ पढने को मजबूर होना पड रहा है।
पिनगवां स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक कन्या विद्यालय वर्ष 1942 से एक प्राइमरी स्कूल से शुरू हुआ था। बच्चों की संख्या देखते हुऐ सरकार ने इस स्कूल का वर्ष 1978 में मिडिल, 1982 में हाई और 1997 में बारहवीं कक्षा का दर्जा बढ़ा दिया था। सरकार ने समय-समय पर स्कूल का दर्जा तो बढ़ा दिया लेकिन बच्चों को बेठने के लिए स्कूल में एक भी कमरा नहीं बनाया।
फरवरी 2018 में स्कूल का नया भवन बनाने के चक्कर में पुराने स्कूल के भवन को तौड दिया गया था। कमरों को तोड़ दिए जाने पर 6 से 12वीं कक्षा की करीब एक हजार छात्राओं को पास के ही प्राइमरी क्न्या स्कूल के भवन में सिफ्ट कर दिया था। प्राइमरी स्कूल में पहले ही कमरों की भारी कमी थी। वरिष्ठ माध्यमिक कन्या विद्यालय की करीब एक हजार छात्राओं को प्राइमरी स्कूल में पढने के लिए मात्र 6 कमरे दिये गये थे। जिनमें से एक में प्रचार्य रूम और दूसरे में साईंस लैब चल रहा है। स्कूल की छा़ओं को बेठने के लिए मात्र चार ही कमरे है। फिलहाल स्कूल में करीब 965 छा़त्रायें शिक्षा गृहण कर रही है।
स्कूल की छात्रा दिव्या, योगेष कुमारी सहित एक दर्जन लडकियों ने बताया कि 12 कक्षा में तीन सैक्षन की करीब 330 छात्राओं को एक कमरे में भेड बकरियों की तरह एक साथ बेठाया जाता है। जबकि तीनों सैक्सनों के अलग-अलग अध्यापक है। जब एक अध्यापक अपना पीरियड ले रहा होता है तब तक दूसरा अध्यापक को इंतजार करना पडता है। ऐसी ही सभी बच्चों को पढ़ाया जाता है। इतना ही नहीं कमरों के बरामदे में दूसरी कक्षा की पढ़ाई होती है। जिसकी वजह से एक दूसरी कक्षा की पढ़ाई भी प्रभावित होती है।
छात्राओं का कहना है कि उनके स्कूल में न तो प्रयाप्त कमरे है और न ही पीने का पानी उपलब्ध है। अध्यापकों की भारी कमी है और कमरों में बिजली के पंखे भी नहीं है। ऐसे में उनकी पढ़ाई काफी प्रभावित हो रही है। छात्राओं कहना है कि वे गरीब परिवार की बेटियों हैं जो यहां पढ़ने आती है। इसलिए उनके स्कूल भवन के निर्माण की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

क्या कहते हैं अध्यापक
स्कूल के वरिष्ट अध्यापक मुकेष कुमार जैन ने बताया कि स्कूल के भवन को करीब पांच साल पहले नया भवन बनाने के नाम पर तोड दिया था। फिलहाल स्कूल में 6 से 12वीं तक 965 छात्रायें षिक्षा गृहण कर रही है। उनको बेठने के लिए मात्र चार ही कमरे है। कमरों की कमी से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। भवन के निर्माण के बारे में काफी बार उच्च अधिकारियों को लिखित में अवगत कराया गया है। लेकिन अभी तक स्कूल का भवन नहीं बन सका है।

Khabarhaq
Author: Khabarhaq

0 Comments

No Comment.

Advertisement

हिरयाणा न्यूज़

महाराष्ट्र न्यूज़

हमारा FB पेज लाइक करे

यह भी पढ़े

मीडिया वेलबीइंग एसोसिएशन का बेहतरीन कार्यक्रम में विधानसभा स्पीकर हरविंदर कल्याण, कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी समेत विधायक जगमोहन आनंद व पवन खरखोदा दिग्गज पहुंचे। • उत्कृष्ट पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों को मुख्य अतिथि के हाथों संस्था ने दिलवाया सम्मान • सरकार के प्रतिनिधियों को कई महत्वपूर्ण मांगों के साथ सौंपा ज्ञापन

फर्जी डेथ सर्टिफिकेट तैयार कर सरकार की अप्राकृतिक देहांत स्कीम के रुपये हड़पने के जुर्म में सी.एस.सी संचालक सहित दो गिरफ्तार • लैबर डिपार्टमेंट कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर हड़प रहे थे सरकारी राशि

Please try to copy from other website