कृषि विज्ञान केंद्र बनने से बदलेगी किसानों की किस्मत
-छपेड़ा में करीब 35 एकड़ भूमि में बनाया जायेगा केंद्र
-हिसार यूनिवर्सिटी ने करीब पांच करोड का बजट मंजूर किया
-कृषि विज्ञान केंद्र बनाने की किसान 14 साल से कर रहे थे डिमांड
यूनुस अलवी
नूंह/हरियाणा
पिछले 14 साल से कृषि विज्ञान केंद्र बनाने की मांग कर रहे मेवात के किसानों की तमन्ना अब पूरी होने जा रही है। करीब पांच करोड़ रूपये की लागत से नूंह के छपेड़ा गांव की 35 एकड जमीन पर मेवात कृषि विज्ञान केंद्र बनने जा रहा है। छपेड़ा गांव की इस जमीन को हिसार विष्वविद्यालय के नाम भी तबादला भी कर दिया गया है। कृषि विज्ञान केंद्र मेवात के किसानों के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा।
आपको बता दें कि 2005 में नूंह को कांग्रेस की हुड्डा सरकार ने मेवात के नाम से जिला बनाया था। इस जिले में पलवल जिले का उपमंडल हथीन भी षामिल था। हरियाणा सरकार ने गांव मिडकौला में कृषि विज्ञान केंद्र बनाया था। उसके बाद वर्ष 2008 में पलवल को जिला बनाये जाने के बाद मिडकौला स्थित कृषि विज्ञान केंद्र मेवात का हिस्सा नहीं रहा। बाद में भाजपा सरकार ने मेवात जिले का नाम नूंह कर दिया था। पिछले 14 साल से मेवात के लोग नूंह में कृषि विज्ञान केंद्र खोलने की मांग करते आ रहे हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल नूंह जिला में कृषि विज्ञान केंद्र बनाने की घोषणा कर चुके हैं।
कृषि विभाग नूंह के एसडीओ अजीत सिंह ने बताया कि नूंह जिला में पिछले 14 साल से कृषि विज्ञान केंद्र नहीं है। इसको लेकर नूंह जिले के विभिन्न खंडों में जमीन की तलाष की गई। नूंह जिला में कृषि विज्ञान केंद्र बनाना सीएम अनांउस में भी है। उन्होने बताया कि नूंह खंड के गांव छपेडा में कृषि विज्ञान केंद्र के लिए करीब 35 एकड़ जमीन अधिगृहण कर ली गई है। जिसका मूटेषन हिसार कृषि विष्वविद्यालय के नाम कर दिया गया है। भवन बनाने के लिए करीब पांच करोड़ का बजट भी पास हो गया है। कृषि विज्ञान केंद्र को निर्माण कार्य जल्द षुरू होने वाला है।
कृषि विज्ञान केंद्र से किसानों की मिलेगी नई तकनीकों की जानकारी
कृषि विभाग नूंह के एसडीओ अजीत सिंह ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र बनने के बाद कृषि से जुडे किसानों, महिलाओं को काफी फायदा होगा। उन्होने बताया कि केंद्र के बन जाने के बाद यहां पर अनाज की नई-नई किस्में तैयार होगी। महिला और पुरूष किसानों के लिए टेªनिंग, पषुपालन, सिलाई कढ़ाई सेंटर आदि षुरू किये जायेगें। उनका कहना है कि कृषि से जुडे महिला और पुरूष किसानों के लिए ये केंद्र उनके विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा।
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