विश्व एड्स दिवस पर सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
ख़बर हक़
नूंह, 1 दिसंबर :
आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में विश्व एड्स दिवस पर सिविल सर्जन डॉ सुरेंद्र यादव के निर्देशानुसार नागरिक अस्पताल मांडीखेड़ा में एड्स जांच शिविर का आयोजन किया गया एवं लोगों को इसके प्रति जागरूक किया गया तथा इस अवसर पर 73 लोगों कि जांच की गयी।
जिला एड्स अधिकारी डॉ हेमंत कुमार ने एड्स के विषय में बताया कि एड्स असुरक्षित यौन सम्बन्ध, एड्स ग्रसित व्यक्ति का रक्त किसी दूसरे स्वास्थ व्यक्ति को चढाने से फैलता है। उन्होंने बताया कि दरसल एड्स एचआईवी वायरस के कारण होने वाली एक बीमारी है। यह तब होता है जब व्यक्ति का इम्यून सिस्टम इंफेक्शन से लडऩे में कमजोर पड़ जाता है। यह तब विकसित होता है, जब एचआईवी इंफेक्शन बहुत अधिक बढ़ जाता है। एड्स एचआईवी इंफेक्शन का अंतिम चरण होता है, जब शरीर स्वयं की रक्षा नहीं कर पाता और शरीर में कई प्रकार की बीमारियां और संक्रमण हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि एचआईवी रक्त में उपस्थित प्रतिरोधी पदार्थ लसीका-कोशो पर हमला करता है। ये पदार्थ मानव को जीवाणु और विषाणु जनित बीमारियों से बचाते हैं और शरीर की रक्षा करते हैं। जब एचआईवी द्वारा आक्रमण करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता क्षय होने लगती है तो इस सुरक्षा कवच के बिना एड्स पीडि़त लोग भयानक बीमारियों क्षय रोग और कैंसर आदि से पीडि़त हो जाते हैं और शरीर को कई अवसरवादी संक्रमण यानि आम सर्दी जुकाम, फुफ्फुस प्रदाह इत्यादि घेर लेते हैं।
इस अवसर पर डा.अरविंद ने बताया कि अभी तक एचआईवी या एड्स के लिए कोई उपचार उपलब्ध नहीं है। हालांकि सही उपचार और सहयोग से एचआईवी से ग्रसित व्यक्ति लम्बा और स्वस्थ जीवन जी सकता है और ऐसा करने के लिए आवश्यक है, कि उचित उपचार लिया जाए और किसी भी संभावित दुष्परिणाम से निपटा जाए। एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति अपनी एचआईवी स्थिति को बदल नहीं सकता है, लेकिन हम अपना व्यवहार बदल सकते हैं। व्यक्ति अधिक जानकारी के लिए मुफ्त टोल हेल्पलाइन नंबर 1097 पर संपर्क कर सकते हैं। इस दौरान एड्स से संबंधित जानकारी को साझा करने के लिए ग्रुप डिस्कशन का आयोजन किया जिसमें एनएसएस वॉलिंटियर्स ने बढ़ चढक़र हिस्सा लिया।
फोटो कैप्शन: 1 विश्व एड्स दिवस पर सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा में जागरूकता कार्यक्रम में बोलते हुए स्वास्थ विभाग के अधिकारी।
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