एईपीएस लेनदेन संबंधी ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी के शिकार होने से बचें :- पुलिस अधीक्षक नूंह।
आपकी खुद की समझदारी साइबर ठगों पर पड़ेगी भारी*
=आवश्यकता अनुसार आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम का उपयोग कर रखें इसे डीएक्टिवेट*
=जिला पुलिस की जनहित में पुनः एडवाइजरी जारी*
यूनुस अल्वी
नूंह/मेवात
पुलिस प्रवक्ता से प्राप्त जानकारी अनुसार पुलिस अधीक्षक नूंह श्री वरुण सिंगला भा०पु०से० के मार्गदर्शन नें जिला नूंह में पुलिस द्वारा विशेष जागरुक अभियान चलाकर लोगो को साईबर अपराधो से बचनें हेतु जागरुक किया जा रहा है । जो इस अभियान के तहत पुलिस द्वारा शहरी/ग्रामीण क्षेत्र तथा स्कूल, कॉलेज इत्यादि में जागरुक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहें है और लोगो को नये तकनीकी के बारें जागरुक किया जा रहा है कि किस प्रकार से साइबर क्रिमनल नये -2 तरीके अपनाकर लोगों को बेवकूफ बनाकर धोखाधडी करते है ।
पुलिस अधीक्षक नूंह ने बतलाया की वर्तमान समय में आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम(AePS) लेनदेन संबंधी ऑनलाइन ठगी के मामले सामने आ रहे हैं । आप भी इस प्रकार की वित्तीय ठगी से बचें।
आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम लेनदेन संबंधी वित्तीय धोखाधड़ी के तरीका वारदात के बारे में जागरूक करते हुए पुलिस अधीक्षक नूंह ने बताया कि जालसाज फिंगर प्रिंट का रबर क्लोन बनाने के बाद आधार कार्ड नंबर किसी बैंक खाते से जुड़ा है या नहीं को चेक करते हैं । इसके बाद वे उन आधार कार्ड नंबरों को शॉर्ट लिस्ट करते हैं जो बैंक खातों से जुड़े होते हैं । AEPS को लेनदेन करने के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन प्रसंस्करण मंच की आवश्यकता होती है ।जालसाज कुछ दस्तावेज जमा करके किसी भी प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन अकाउंट बना लेते हैं । इसके उपरांत जालसाज इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजेक्शन प्रोसेसिंग प्लेटफॉर्म के ऐप में लॉग इन करते हैं और बायोमेट्रिक डिवाइस और क्लोन रबर फिंगर प्रिंट का उपयोग करके लेनदेन शुरू करते हैं । ट्रांजैक्शन पूरा होते ही पैसा इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म के वॉलेट में चला जाता है जहां से जालसाज उसे अपने बैंक खाते में ट्रांसफर कर लेता है।
*ऐसे साइबर अपराधियों से कैसे बचें :-*
✍️सबसे जरूरी और अहम यह है कि आप अपने संबंधित बैंक से आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम को डीएक्टिवेट कराएं और आवश्यकता अनुसार ही उसका उपयोग कर दोबारा से डीएक्टिवेट कराएं । इस महत्वपूर्ण जानकारी बारे जिला पुलिस पहले भी जनहित में एडवाइजरी जारी कर चुकी है ।
*किसी भी प्रकार की वित्तीय या ऑनलाइन धोखाधड़ी होने पर 1930 पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करवाएं । इसके अलावा अपनी शिकायत साइबर क्राइम थाना या आपके संबंधित थाने में स्थापित साईबर हेल्पडेस्क पर शिकायत दे ।
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